प्रवक्ता भर्ती की नई नियमावली लागू, बिना बीएड अभ्यर्थियों को झटका
लखनऊ – उत्तर प्रदेश के राजकीय विद्यालयों में प्रवक्ता पदों पर भर्ती को लेकर शिक्षा विभाग ने नई नियमावली लागू कर दी है। अब बीएड डिग्री को अनिवार्य अर्हता में शामिल कर लिया गया है, जिससे केवल स्नातकोत्तर डिग्रीधारी अभ्यर्थियों को बड़ा झटका लगा है।
अब एलटी या बीएड नहीं देंगे अतिरिक्त वेटेज
पहले तक प्रवक्ता पद के लिए केवल स्नातकोत्तर डिग्री अनिवार्य होती थी और एलटी डिप्लोमा या बीएड को अधिमानी अर्हता यानी वेटेज के रूप में देखा जाता था। लेकिन नई नियमावली में इस व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया है। अब अधिकांश विषयों में बीएड डिग्री अनिवार्य योग्यता होगी।
किन विषयों में बीएड अनिवार्य नहीं?
कुछ विशेष विषयों के लिए अभी भी बीएड को अनिवार्य नहीं किया गया है, जैसे:
- गृह विज्ञान
- वाणिज्य
- सैन्य विज्ञान
- कला
- सिलाई (केवल महिला शाखा)
इन विषयों में पुराने नियम के अनुसार केवल स्नातकोत्तर डिग्री से भी प्रवक्ता पद के लिए आवेदन किया जा सकता है।
इन विषयों में बीएड अनिवार्य अर्हता बना
नई नियमावली के तहत निम्नलिखित विषयों में प्रवक्ता बनने के लिए अब बीएड डिग्री अनिवार्य कर दी गई है:
- समाजशास्त्र
- भूगोल
- अर्थशास्त्र
- नागरिकशास्त्र
- भौतिक विज्ञान
- रसायन विज्ञान
- गणित
- अंग्रेजी
- मनोविज्ञान
- इतिहास
- उर्दू
- जीव विज्ञान
- संस्कृत
- कृषि विज्ञान (पुरुष शाखा)
- शिक्षाशास्त्र
- हिंदी (स्नातकोत्तर + संस्कृत के साथ स्नातक + बीएड)
- फारसी (स्नातकोत्तर या कामिल + बीएड)
क्या बोले अभ्यर्थी?
नई नियमावली से ऐसे लाखों अभ्यर्थियों को निराशा हाथ लगी है जिन्होंने केवल पीजी किया है और बीएड नहीं किया। अब वे प्रवक्ता भर्ती की दौड़ से बाहर हो गए हैं। छात्रों का कहना है कि सरकार को बीएड करने के लिए पर्याप्त समय या वैकल्पिक व्यवस्था देनी चाहिए थी।
निष्कर्ष
शिक्षा विभाग का यह कदम शिक्षण गुणवत्ता सुधारने की दिशा में एक प्रयास है, लेकिन यह कई योग्य उम्मीदवारों के लिए चुनौती भी बन गया है। अभ्यर्थियों को अब आगे की तैयारी में बीएड डिग्री को प्राथमिकता में शामिल करना होगा।
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