राजकीय स्कूलों में प्रवक्ता भर्ती के बदले नियम: अब बीएड जरूरी, PG वाले रहेंगे बाहर!
शिक्षक बनने का सपना देख रहे हजारों युवाओं को बड़ा झटका!
राजकीय विद्यालयों में प्रवक्ता बनने के लिए नई नियमावली लागू कर दी गई है, जिससे अब एलटी डिप्लोमा या बीएड डिग्रीधारकों को वेटेज (अधिमानी अर्हता) का लाभ नहीं मिलेगा। इसकी बजाय बीएड को सीधा अनिवार्य अर्हता में शामिल कर दिया गया है।
अब सिर्फ पीजी डिग्री नहीं, बीएड भी अनिवार्य
पहले जहां केवल स्नातकोत्तर (PG) की डिग्री से प्रवक्ता भर्ती के लिए आवेदन संभव था, अब बीएड डिग्री के बिना आवेदन करना असंभव हो गया है।
इस बदलाव से उन लाखों युवाओं को बड़ा नुकसान हुआ है जिनके पास केवल PG डिग्री है, लेकिन बीएड नहीं किया है। अब ये अभ्यर्थी प्रवक्ता भर्ती की दौड़ से सीधे बाहर हो जाएंगे।
किन विषयों में अनिवार्य है बीएड?
निम्नलिखित विषयों में अब बीएड की डिग्री अनिवार्य कर दी गई है:
- समाजशास्त्र
- भूगोल
- अर्थशास्त्र
- नागरिकशास्त्र
- भौतिक विज्ञान
- रसायन विज्ञान
- गणित
- अंग्रेजी
- मनोविज्ञान
- इतिहास
- उर्दू
- जीव विज्ञान
- संस्कृत
- कृषि विज्ञान (पुरुष शाखा)
- शिक्षाशास्त्र
इन विषयों में आवेदन के लिए संबंधित विषय में स्नातकोत्तर डिग्री + NCTE से मान्यता प्राप्त बीएड कोर्स जरूरी होगा।
कुछ विषयों में बीएड अब भी जरूरी नहीं
हालांकि, कुछ विशिष्ट विषय ऐसे हैं जहां बीएड को अनिवार्य नहीं किया गया है, जैसे:
- गृह विज्ञान
- वाणिज्य
- सैन्य विज्ञान
- कला व सिलाई (महिला शाखा)
यहाँ केवल स्नातकोत्तर डिग्री से ही आवेदन किया जा सकता है।
प्रवक्ता हिंदी और फारसी के लिए विशेष शर्तें
- प्रवक्ता हिंदी: हिंदी में स्नातकोत्तर डिग्री, एक विषय के रूप में संस्कृत के साथ कला में स्नातक, और बीएड अनिवार्य।
- प्रवक्ता फारसी (पुरुष शाखा): फारसी में स्नातकोत्तर या कामिल परीक्षा में उत्तीर्ण + बीएड अनिवार्य।
पुरानी व्यवस्था में था वेटेज, अब अनिवार्यता
पहले शिक्षक प्रशिक्षण डिग्री (एलटी या बीएड) को वेटेज (अधिमानी अर्हता) के रूप में देखा जाता था, जिससे पीजी डिग्रीधारी भी प्रतिस्पर्धा में बने रहते थे। लेकिन नई नियमावली ने इस व्यवस्था को पूरी तरह बदल दिया है।
अब केवल वही अभ्यर्थी प्रवक्ता बनने की दौड़ में बने रहेंगे, जिनके पास दोनों – विषय में पीजी + बीएड डिग्री है।
निष्कर्ष: तैयारी कर रहे उम्मीदवार रखें विशेष ध्यान
जो भी अभ्यर्थी राजकीय इंटर कॉलेजों में प्रवक्ता बनना चाहते हैं, उन्हें अब बीएड की डिग्री की अनिवार्यता को ध्यान में रखते हुए ही योजना बनानी चाहिए।
नई नियमावली से स्पर्धा और कड़ी होगी, लेकिन योग्य और प्रशिक्षित शिक्षक ही अब शैक्षिक प्रणाली में कदम रख सकेंगे।
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