परिषदीय स्कूलों में डिजिटल साक्षरता का विस्तार: शिक्षकों को ट्रिपलआईटी लखनऊ में मिलेगा प्रशिक्षण
डिजिटल इंडिया की ओर एक और मजबूत कदम!
प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में अब डिजिटल साक्षरता को न केवल पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया गया है, बल्कि इसे ज़मीन पर उतारने के लिए दक्ष शिक्षकों की फौज भी तैयार की जा रही है।
कक्षा 6 से 8 तक के बच्चों को मिल रही नई तकनीकों की शिक्षा
उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), कोडिंग, डिजिटल लेनदेन में सावधानी और साइबर सुरक्षा जैसी आधुनिक तकनीकों की जानकारी दी जाएगी।
इस बदलाव को प्रभावी बनाने के लिए राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT) ने एक अहम पहल की है।
SCERT और ट्रिपलआईटी लखनऊ के बीच समझौता
इस बदलाव के तहत:
- SCERT ने IIIT लखनऊ के साथ करार किया है।
- समझौते के अनुसार हर जिले के दो शिक्षक और प्रदेश की 75 डायट संस्थानों के दो-दो प्रवक्ता को तीन महीने का बेसिक कोर्स कराया जाएगा।
- कोर्स में AI, कोडिंग, डिजिटल साक्षरता और साइबर सुरक्षा जैसी जानकारियां शामिल होंगी।
कोर्स की प्रमुख बातें:
- कुछ सत्र ऑनलाइन होंगे और कुछ भौतिक रूप से आयोजित किए जाएंगे।
- प्रशिक्षण ट्रिपलआईटी के विशेषज्ञों द्वारा दिया जाएगा।
- कोर्स पूरा करने के बाद ये शिक्षक अपने-अपने जिलों में अन्य शिक्षकों को प्रशिक्षित करेंगे।
परिषदीय विद्यालयों में डिजिटल शिक्षा को मिलेगा बढ़ावा
SCERT के संयुक्त निदेशक पवन सचान ने जानकारी दी कि यह पहल भविष्य के डिजिटल इंडिया की नींव रखने के लिए की जा रही है।
प्रशिक्षित शिक्षक जब स्कूलों में डिजिटल शिक्षा देंगे, तो बच्चे तकनीक से जुड़े हुए और साइबर रूप से सुरक्षित नागरिक बन सकेंगे।
ट्रिपलआईटी और आईआईएम से अन्य क्षेत्रों में सहयोग
राज्य सरकार IIIT लखनऊ और IIM लखनऊ जैसे अग्रणी संस्थानों से अन्य क्षेत्रों में भी सहयोग ले रही है, जिससे शिक्षा को तकनीकी और प्रशासनिक दृष्टि से और मजबूत किया जा सके।
निष्कर्ष:
डिजिटल साक्षरता केवल तकनीक जानने का माध्यम नहीं, बल्कि भविष्य की शिक्षा और जीवन का अनिवार्य हिस्सा बन चुकी है। इस दिशा में उत्तर प्रदेश सरकार की यह पहल एक प्रेरणादायक मॉडल बनकर उभर सकती है।
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