TCS पर अमेरिका में भेदभाव के आरोप: गैर-दक्षिण एशियाई और वरिष्ठ कर्मचारियों ने दर्ज कराई शिकायत
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🌍 TCS पर अमेरिका में भेदभाव का आरोप, जांच में जुटा EEOC
भारत की दिग्गज आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) पर अमेरिका में जाति, उम्र और राष्ट्रीय मूल के आधार पर कर्मचारियों के साथ भेदभाव करने का आरोप लगा है। अमेरिकी समान रोजगार अवसर आयोग (EEOC) इस मामले की गंभीरता से जांच कर रहा है।
👨💼 गैर-दक्षिण एशियाई और 40+ उम्र के कर्मचारियों ने लगाए आरोप
जिन पूर्व कर्मचारियों ने शिकायत दर्ज कराई है, वे सभी गैर-दक्षिण एशियाई जातीय पृष्ठभूमि से आते हैं और उनकी उम्र 40 वर्ष से अधिक है। उन्होंने आरोप लगाया कि कंपनी ने सुनियोजित तरीके से उन्हें छंटनी के लिए निशाना बनाया, जबकि भारतीय मूल के कर्मचारियों, खासकर H1-B वीजाधारकों को सुरक्षित रखा गया।
🧾 2023 के अंत में दर्ज हुई शिकायत
ये शिकायतें 2023 के अंत में दर्ज की गईं थीं और इनकी जांच राष्ट्रपति बाइडेन प्रशासन के दौरान शुरू हुई, जो ट्रंप प्रशासन के समय से चली आ रही नीतियों से जुड़ी स्थितियों को भी कवर कर रही है।
🏢 TCS का जवाब: आरोप निराधार और भ्रामक
TCS के प्रवक्ता ने इन आरोपों को “निराधार और भ्रामक” बताया है। उन्होंने कहा कि कंपनी नैतिक मूल्य, निष्पक्षता और विविधता में विश्वास करती है और अमेरिकी श्रम कानूनों का पालन करती है।
🇺🇸 अमेरिका में H1-B वीजाधारकों और स्थानीय कर्मचारियों के बीच संतुलन बना पाना चुनौती
यह मामला एक बार फिर H1-B वीजाधारकों और स्थानीय अमेरिकी कर्मचारियों के बीच अवसरों को लेकर चल रहे तनाव को उजागर करता है। TCS जैसी वैश्विक कंपनियों पर पहले भी स्थानीय प्रतिभाओं की अनदेखी के आरोप लगते रहे हैं।
📌 निष्कर्ष
TCS पर लगे ये गंभीर आरोप न केवल उसकी वैश्विक छवि को प्रभावित कर सकते हैं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय कामकाज में पारदर्शिता और समानता की नई बहस भी छेड़ सकते हैं। अब यह देखना होगा कि EEOC की जांच से क्या निष्कर्ष निकलता है और TCS कैसे अपनी स्थिति को स्पष्ट करती है।
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