माध्यमिक शिक्षा आयोग के नए फरमान से मचा हड़कंप

माध्यमिक शिक्षा आयोग के नए फरमान से मचा हड़कंप

स्थान: बहराइच | रिपोर्ट: संवाद न्यूज एजेंसी

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परास्नातक के साथ B.Ed अनिवार्यता से दो साल तक फार्म भरने से होंगे वंचित

माध्यमिक शिक्षा सेवा आयोग ने नई भर्ती नीति लागू करते हुए एक बड़ा फरमान जारी कर दिया है, जिससे हजारों बीएड अभ्यर्थियों के बीच हड़कंप मच गया है। अब परास्नातक के साथ बीएड होना अनिवार्य कर दिया गया है। इस फरमान के तहत यदि बीएड की डिग्री परास्नातक के साथ पूर्ण नहीं है, तो ऐसे उम्मीदवार आने वाले दो वर्षों तक फार्म नहीं भर पाएंगे।

यह फैसला खासतौर से उन युवाओं के लिए चिंता का कारण बना है जो पहले परास्नातक के बाद बीएडदो साल का इंतजार

क्या कहते हैं अभ्यर्थी…

बीएड कर चुके या कर रहे अभ्यर्थियों ने नई नीति को अव्यवहारिकनीति को शिक्षा विरोधी

बीएड का अस्तित्व बचाने की हो रही कोशिश?

पिछली भर्तियों में बीएड कर रहे अभ्यर्थियोंपंजीकरण, परीक्षा और चयन प्रक्रिया से बाहरपरास्नातक के बाद बीएडफॉर्म भरने के लिए दो साल

क्या कहते हैं कॉलेज और शिक्षाविद?

इंटर कॉलेजों में शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने के लिए छात्रों से बीएड और परास्नातक दोनों डिग्रियांसमय की कमी या अन्य कारणों सेपुनर्विचार के लिए उच्च न्यायालय

“यदि दोहरी डिग्री की आवश्यकता है तो एक लचीला विकल्प भी दिया जाना चाहिए, ताकि हजारों युवाओं का भविष्य अंधेरे में न जाए।”

— शिक्षा संवाद, उत्तर प्रदेश

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