भाषा नहीं सिखाती आपस में बैर रखना… यह तो करीब लाती है : सुप्रीम कोर्ट
तिथि: अप्रैल 2025 | स्थान: नई दिल्ली
न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और संजय करोल की पीठ ने एक याचिका की सुनवाई करते हुए यह विचार रखे, जिसमें केंद्र सरकार की ओर से सड़क संकेत बोर्डों पर हिंदी भाषा का उपयोग न होने
अदालत ने जोर देते हुए कहा कि भारत में भाषायी विविधता सांस्कृतिक समृद्धिसम्मानसाझा मूल्यों और सहिष्णुतासड़कों पर संकेत बोर्डों में स्थानीय भाषा के साथ अन्य भाषाओं का उपयोग कोई असामान्य बात नहीं है। तमिलनाडु की तरह कई राज्य ऐसे संकेत बोर्डों पर स्थानीय भाषा के साथ अंग्रेज़ी या अन्य भाषाओं
पीठ ने कहा कि यह जरूरी है कि भाषा को लेकर समाज में फैली गलत धारणाएं तोड़ी जाएं। भाषा एक अभिव्यक्ति का माध्यम है, न कि भेदभाव या भिन्नता का आधार। सभी भारतीय भाषाएं संविधान द्वारा संरक्षित‘गंगा-जमुनी तहज़ीब’ की मिसाल देते हुए कहा कि भारत की विविधता इसकी सबसे बड़ी खूबी है। साइन बोर्ड पर मातृभाषा के साथ अन्य भाषाओंसमावेशिता की पहचान
हमें विविधता का सम्मान करना चाहिए
गलत धारणाओं को सच्चाई से परखें