तेलंगाना बना देश का पहला राज्य, जहां अनुसूचित जातियों में आरक्षण का हुआ वर्गीकरण


तेलंगाना बना देश का पहला राज्य, जहां अनुसूचित जातियों में आरक्षण का हुआ वर्गीकरण
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तेलंगाना में ऐतिहासिक फैसला: SC आरक्षण में अब होगा जातिगत वर्गीकरण

हैदराबाद: बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर की 134वीं जयंती के मौके पर तेलंगाना सरकार ने देश का पहला ऐसा राज्य बनने का गौरव प्राप्त किया, जिसने अनुसूचित जातियों (SC) में जातिगत वर्गीकरण को लागू कर दिया है।

इस ऐतिहासिक निर्णय को राज्य सरकार ने 14 अप्रैल को अधिसूचित किया, जो अब तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है।

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कौन-कौन सी जातियां किस श्रेणी में आईं?

राज्य सरकार के आदेश के अनुसार अनुसूचित जातियों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है:

  • पहली श्रेणी (1%): 15 जातियाँ
  • दूसरी श्रेणी (9%): 18 जातियाँ
  • तीसरी श्रेणी (5%): 26 जातियाँ

आरक्षण की कुल सीमा: 15%, जो नौकरियों और शिक्षा – दोनों में लागू होगी।


सामाजिक-आर्थिक आधार पर किया गया वर्गीकरण

यह वर्गीकरण जस्टिस शमीम अख्तर आयोग की सिफारिशों पर आधारित है, जिसने जातियों की सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक स्थिति का विश्लेषण कर यह प्रस्ताव दिया था।

फरवरी 2025 में विधानसभा ने विधेयक पारित किया, और 8 अप्रैल को राज्यपाल की मंजूरी के बाद इसे 14 अप्रैल को अधिसूचित कर लागू कर दिया गया।

“सरकारी आदेश की पहली प्रति मुख्यमंत्री को सौंपी गई है।”
एन. उत्तम कुमार रेड्डी, सिंचाई मंत्री, तेलंगाना


क्रीमी लेयर का मुद्दा क्या है?

हालांकि आयोग ने क्रीमी लेयर को आरक्षण से बाहर रखने की सिफारिश की थी, लेकिन राज्य सरकार ने इसे शामिल नहीं किया है।
यह मुद्दा भविष्य में राजनीतिक और कानूनी बहस का हिस्सा बन सकता है।


सुप्रीम कोर्ट की भी हरी झंडी

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने इस वर्गीकरण को पिछले साल ही बरकरार रखा था, जिससे इस कानून को संवैधानिक वैधता मिल चुकी है।


निष्कर्ष: एक नई सामाजिक दिशा की ओर कदम

तेलंगाना सरकार का यह कदम न सिर्फ संविधान निर्माता बाबा साहेब आंबेडकर को सच्ची श्रद्धांजलि है, बल्कि यह सामाजिक न्याय की दिशा में एक बड़ा और साहसी निर्णय भी है।

“अब आरक्षण में भी न्याय के भीतर न्याय मिलेगा – जो सबसे पिछड़े हैं, उन्हें सबसे पहले मौका मिलेगा।”


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