Title: व्यापार युद्ध के बीच सोने की कीमतों में उछाल, 2025 तक 4,500 डॉलर और भारत में ₹1.30 लाख तक पहुँचने की संभावना
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वैश्विक संकट के बीच सोने की चमक बढ़ी ✨
नई दिल्ली: गोल्डमैन सैश की ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक, अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतें इस साल के अंत तक $4,500 प्रति औंस तक पहुँच सकती हैं, जो अभी के भाव $3,247 से लगभग 38% अधिक है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध और गहराता है, तो कीमती धातु की मांग और तेज़ी से बढ़ेगी।
घरेलू बाजार में 10 ग्राम सोना ₹1.30 लाख तक जा सकता है
कमोडिटी विशेषज्ञों के अनुसार, भारत में भी सोने के दामों में जबरदस्त तेजी देखने को मिल सकती है।
“इस साल के अंत तक 10 ग्राम सोना ₹1,30,000 तक पहुँच सकता है।”
गोल्डमैन सैश ने 2025 के अंत तक सोने का लक्ष्य $3,700 प्रति औंस और असाधारण परिस्थितियों में $4,500 तक रखा है।
सोने की कीमतों में तेजी की वजहें
1. अमेरिका-चीन टैरिफ वॉर
टैरिफ वॉर से अमेरिकी अर्थव्यवस्था में मंदी की आशंका बढ़ी है, जिससे सोने की मांग तेज़ हुई है।
2. संस्थागत निवेश बढ़ा
व्यक्तिगत निवेशकों के अलावा संस्थाएं और केंद्रीय बैंक भी बड़ी मात्रा में सोने में निवेश कर रहे हैं।
3. गोल्ड ETF में भारी निवेश
इस साल की पहली तिमाही में गोल्ड आधारित ETF में निवेश 2020 के बाद सबसे ऊँचा रहा।
4. डॉलर पर निर्भरता घटाने की मुहिम
कई देश अब डॉलर पर निर्भरता कम कर सोने की खरीदारी बढ़ा रहे हैं।
हीरे के निर्यात में गिरावट, दो दशक का निचला स्तर
जहाँ एक तरफ सोना रिकॉर्ड बना रहा है, वहीं हीरे के व्यापार में गिरावट आई है।
- कटे और तराशे हीरों का निर्यात FY 2024-25 में 16.8% घटकर 13.3 अरब डॉलर रह गया।
- रत्न-आभूषण कुल निर्यात भी 11.7% घटकर 28.5 अरब डॉलर पर आ गया, जो चार साल का निचला स्तर है।
रत्न-आभूषण निर्यात परिषद (GJEPC) के अनुसार, अमेरिका और चीन में मांग गिरने के कारण यह गिरावट आई है।
निष्कर्ष
- सोना बना निवेशकों की पहली पसंद
- हीरा उद्योग मंदी की चपेट में
- 2025 तक सोने में ऐतिहासिक उछाल की आशंका
“व्यापार युद्ध और वैश्विक अनिश्चितता के इस दौर में, सोना फिर से ‘सुरक्षित निवेश’ की पहली पसंद बनकर उभरा है।”