‘महंगी शिक्षा से विश्वगुरु नहीं बन सकते’ – शिक्षकों के महासम्मेलन में उठा बड़ा मुद्दा

‘महंगी शिक्षा से विश्वगुरु नहीं बन सकते’ – शिक्षकों के महासम्मेलन में उठा बड़ा मुद्दा

स्थान: प्रयागराज | रिपोर्ट: मुख्य संवाददाता

शिक्षक संघ के 62वें प्रांतीय महाधिवेशन का भव्य समापन

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (कुंवरई ग्रुप) के 62वें प्रांतीय महाधिवेशन एवं शैक्षणिक विचार गोष्ठी का समापन
बेली कंप्यूटर सेंटर, प्रयागराज में संपन्न हुआ। इस दौरान शिक्षा के वर्तमान परिदृश्य पर गहन चर्चा हुई और अनेक चिंताओं को मंच से साझा किया गया।

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शिक्षा पर पूंजीपतियों का कब्जा

वरिष्ठ अतिथि जगदीश पांडेय ने अपने भाषण में कहा, “शिक्षा पर लगातार पूंजीपतियों का कब्जा होता जा रहा है।”
उन्होंने चिंता जताई कि महंगी शिक्षा आम जनता की पहुंच से बाहर हो रही है, और यदि यही स्थिति रही तो भारत कभी विश्वगुरु नहीं बन पाएगा।

शिक्षक हितों पर भी हुई चर्चा

गोष्ठी में शिक्षकों की समस्याओं को भी प्रमुखता से उठाया गया। विशेष रूप से शिक्षकों के स्थानांतरण नीति, वेतन भुगतान, और सेवा शर्तों पर
संवाद हुआ। वक्ताओं ने सरकार से मांग की कि शिक्षक समाज की रीढ़ हैं और उनकी अनदेखी देश के भविष्य को अंधकार में ले जा सकती है।

मेहमानों की गरिमामयी उपस्थिति

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि श्री देवेंद्र प्रताप सिंह (सदस्य विधान परिषद), दीरज पांडेय ‘कुंवर’ (प्रदेश अध्यक्ष),
आयोध्या प्रसाद अग्रवाल (कोषाध्यक्ष), लालमणि द्विवेदी (महामंत्री), एवं डॉ. आदा शुक्ल (संयुक्त मंत्री) की उपस्थिति रही।

इन महानुभावों ने शिक्षा की दिशा और दशा को लेकर अपने विचार व्यक्त किए और शिक्षकों के मान-सम्मान को सर्वोपरि बताया।

मेरठ के डॉ. उमेश त्यागी बने प्रदेश अध्यक्ष

अधिवेशन में मेरठ निवासी डॉ. उमेश त्यागी को सर्वसम्मति से प्रदेश अध्यक्ष चुना गया। वर्तमान अध्यक्ष जगदीश पांडेय ने उनके नाम का प्रस्ताव रखा,
जिसे उपस्थित प्रतिनिधियों ने सहर्ष स्वीकार कर लिया।

निष्कर्ष: शिक्षा का निजीकरण और महंगी फीस प्रणाली देश के विकास में रोड़ा बन रही है। ऐसे आयोजनों के माध्यम से इस दिशा में गंभीर मंथन और परिवर्तन की पहल जरूरी है।

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