योग शिक्षिका को डिजिटल अरेस्ट कर आठ लाख ठगे
होम्योपैथिक कॉलेज की शिक्षिका को मानव तस्करी के नाम पर धमकाया
By: संवाददाता, लखनऊ | Date: अप्रैल 2025
जालसाजी की नई तरकीब
लखनऊ: नेशनल होम्योपैथिक कॉलेज की एक योग शिक्षिका साइबर ठगों के शिकार हो गईं। ठगों ने उन्हें 24 घंटे तक
डिजिटल अरेस्ट में रखा और मानव तस्करी व मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में फंसाने की धमकी दी। शिक्षिका से आठ लाख रुपये
एक खाते में ऑनलाइन ट्रांसफर करवा लिए गए।
घटना तब सामने आई जब पीड़िता ने जानसुनवाई में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने साइबर अपराध से जुड़े इस मामले की गंभीरता को समझते हुए केस दर्ज किया और अपराधियों की तलाश शुरू कर दी है।
कैसे हुआ पूरा फर्जीवाड़ा?
पीड़िता से कहा गया कि उनका नाम मानव तस्करी और मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल है और उनके नाम से एक संदिग्ध पार्सल जब्त किया गया है। ठगों ने उन्हें डराने के लिए नकली पुलिस अधिकारी बनकर बात की और
डिजिटल अरेस्ट का हवाला देते हुए लगातार वीडियो कॉल और धमकी दी।
इस दौरान महिला से तीन अलग-अलग खातों में ₹8 लाख से अधिक की रकम ट्रांसफर करवा ली गई। आरोपियों ने सुप्रीम कोर्ट और सीबीआई के नाम पर भी डराने की कोशिश की।
ठगों ने तीन एफडी तुड़वाकर ट्रांसफर कराए पैसे
24 घंटे तक शिक्षिका को डराते हुए ठगों ने उनका बैंक और शोरूम अकाउंट एक्सेस करवाया, फिर तीन एफडी तुड़वाकर पैसे ट्रांसफर करा लिए। जब महिला ने खुद फोन किया तो उसे दोबारा कॉल नहीं आया, तब जाकर उसे ठगी का अहसास हुआ।
डॉक्टर से भी ठगे 95 लाख, 12 लाख हुए वापस
एक रिटायर्ड डॉक्टर को भी इसी तरह का शिकार बनाया गया। ठगों ने उनसे करीब 22 बार में 95 लाख रुपये ट्रांसफर करवा लिए। पुलिस में रिपोर्ट करने के बाद करीब 12 लाख रुपये वापस हो सके।
साइबर थाना इंचार्ज योगेश यादव ने बताया कि मामले की जांच तेजी से हो रही है।
सुप्रीम कोर्ट के नाम पर भी किया धोखा
ठगों ने खुद को सुप्रीम कोर्ट का अफसर बताया और कहा कि शिक्षिका का नाम एक गंभीर केस में शामिल है। उन्होंने व्हाट्सएप पर नकली नोटिस भेजा और वीडियो कॉल पर अफसरों के रूप में खुद को पेश किया।