प्रधानमंत्री पोषण योजना को मिली नई ऊर्जा: सामग्रियों की लागत में 9.5% की बढ़ोतरी
नई दिल्ली, 10 अप्रैल 2025: शिक्षा मंत्रालय ने प्रधानमंत्री पोषण योजना (PM POSHAN) के अंतर्गत एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए सामग्रियों की लागत में 9.5% की वृद्धि की घोषणा की है। यह निर्णय 1 मई 2025 से देशभर के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू किया जाएगा।
क्या है पीएम पोषण योजना?
यह केंद्र प्रायोजित योजना 10.36 लाख सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में बालवाटिका से कक्षा 8 तक के 11.20 करोड़ छात्रों को गर्म पका हुआ भोजन उपलब्ध कराती है। इसका उद्देश्य छात्रों के पोषण स्तर को सुधारना और विद्यालयों में नामांकन व उपस्थिति को प्रोत्साहित करना है।
सामग्री की मात्रा और उपयोग
भोजन तैयार करने के लिए जिन प्रमुख सामग्रियों का उपयोग होता है, उनमें दाल, सब्ज़ी, तेल, मसाले, ईंधन आदि शामिल हैं। बालवाटिका और प्राथमिक स्तर पर प्रति छात्र के लिए दाल 20 ग्राम और उच्च प्राथमिक स्तर पर 30 ग्राम निर्धारित है। इसी तरह, सब्जियों की मात्रा क्रमशः 50 ग्राम और 75 ग्राम है।
बढ़ी हुई लागत का लाभ
श्रम मंत्रालय द्वारा प्रस्तुत CPI-RL (ग्रामीण मजदूर उपभोक्ता मूल्य सूचकांक) के आधार पर की गई इस वृद्धि से केंद्र सरकार को वित्त वर्ष 2025-26 में लगभग ₹954 करोड़ की अतिरिक्त लागत वहन करनी होगी।
कक्षा | वर्तमान लागत (₹) | नई लागत (₹) | वृद्धि (₹) |
---|---|---|---|
बालवाटिका / प्राथमिक | 6.19 | 6.78 | 0.59 |
उच्च प्राथमिक | 9.29 | 10.17 | 0.88 |
राज्य कर सकते हैं अतिरिक्त योगदान
हालांकि यह लागत न्यूनतम अनिवार्य दर है, फिर भी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश अपने बजट से अतिरिक्त योगदान देने के लिए स्वतंत्र हैं। कई राज्य पहले से ही पोषण युक्त भोजन हेतु स्वयं के संसाधनों से अधिक खर्च कर रहे हैं।
अन्य सहायता – खाद्यान्न और परिवहन
भारत सरकार 26 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न भी भारतीय खाद्य निगम (FCI) के माध्यम से मुफ्त प्रदान करती है। इसमें खाद्यान्न की लागत और स्कूलों तक उसके परिवहन की 100% लागत केंद्र सरकार वहन करती है, जिसकी वार्षिक लागत करीब ₹9,000 करोड़ होती है।
अंतिम लागत – भोजन पर व्यय
खाद्यान्न लागत सहित सभी घटकों को जोड़ने पर प्रति भोजन खर्च बालवाटिका और प्राथमिक कक्षाओं के लिए ₹12.13 और उच्च प्राथमिक के लिए ₹17.62 आता है।
यह निर्णय न केवल बच्चों को बेहतर पोषण उपलब्ध कराएगा, बल्कि उनके शैक्षिक विकास और उपस्थिति को भी सकारात्मक रूप से प्रभावित करेगा।
स्रोत: PIB Press Release