लखनऊ: RTE के तहत दाखिला न देने वाले 75 स्कूलों पर डीएम की सख्त कार्रवाई
– 10,000 बच्चों को दाखिला दिलाने के लिए विशेष टीमें गठित, ANM और BEO अधिकारियों को जिम्मेदारी
लखनऊ, 12 अप्रैल 2025 – लखनऊ के 75 निजी स्कूलों ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE) के तहत आरक्षित सीटों पर बच्चों को दाखिला देने से इनकार किया है, जिससे लगभग 10,000 बच्चे शिक्षा से वंचित हैं। इस पर जिलाधिकारी (DM) विशाख आई. ने सख्त कार्रवाई करते हुए विशेष निरीक्षण टीमें गठित की हैं, जो स्कूलों में जाकर बच्चों का दाखिला सुनिश्चित कराएंगी।
प्रमुख निर्देश और कार्रवाई
- विशेष टीमों का गठन
- अपर नगर मजिस्ट्रेट (ANM) और खंड शिक्षा अधिकारी (BEO) की संयुक्त टीमें बनाई गईं।
- इन टीमों को स्कूलों में जाकर RTE प्रावधानों का पालन कराने का आदेश दिया गया।
- DM का सख्त आदेश
- “शत-प्रतिशत दाखिला सुनिश्चित करें” – डीएम ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए।
- RTE नियमों का उल्लंघन करने वाले स्कूलों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी।
- क्यों हो रही है समस्या?
- कई निजी स्कूल आरक्षित सीटों पर दाखिला देने से बचते हैं, ताकि फीस वसूली बनी रहे।
- RTE के तहत 25% सीटें EWS (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) और गरीब बच्चों के लिए आरक्षित हैं।
आगे की रणनीति
- स्कूलों की लिस्ट तैयार कर दैनिक निगरानी की जाएगी।
- अभिभावकों से शिकायतें लेकर तुरंत कार्रवाई की जाएगी।
- RTE पोर्टल पर दाखिला प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाया जाएगा।
RTE क्या कहता है?
- धारा 12(1)(c): निजी स्कूलों को कक्षा 1 में 25% सीटें EWS/गरीब बच्चों के लिए आरक्षित करनी होती हैं।
- जुर्माना: नियम तोड़ने पर स्कूल का मान्यता रद्द हो सकती है या 1 लाख रुपये तक का जुर्माना लग सकता है।
निष्कर्ष
लखनऊ प्रशासन की यह पहल शिक्षा के अधिकार को सुनिश्चित करने की दिशा में एक सराहनीय कदम है। अब देखना है कि स्कूल प्रबंधन इस पर कितना सहयोग करते हैं।
#RTEAdmission #LucknowEducation #RightToEducation #DMaction #UPGovernment
(शिकायत दर्ज करने के लिए RTE हेल्पलाइन नंबर: 1800-180-xxxx पर संपर्क करें।)