UIDAI ने लॉन्च किया नया ‘आधार ऐप’, चेहरे से होगा सत्यापन – अब फोटो कॉपी देने की जरूरत नहीं 📱🔒
प्रमुख बिंदु
✅ नए आधार ऐप से फेस ऑथेंटिकेशन – होटल/दुकानों में अब फोटो कॉपी जमा करने की आवश्यकता नहीं
✅ यूपीआई जितना आसान सत्यापन – सिर्फ QR कोड स्कैन करके पलभर में पहचान प्रमाणित
✅ पूर्ण सुरक्षा – आधार डेटा लीक नहीं होगा, यूजर को निजी जानकारी पर पूरा नियंत्रण
✅ AI + DPI इंटीग्रेशन – आधार अब आर्थिक विकास और डिजिटल इन्क्लूजन को गति देगा
कैसे काम करेगा नया आधार ऐप?
केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ‘आधार संवाद’ कार्यक्रम में इस ऐप की विशेषताएं साझा कीं:
- फेस ऑथेंटिकेशन: बायोमेट्रिक फेस स्कैन से तुरंत सत्यापन।
- QR कोड सिस्टम: दुकान/होटल में सिर्फ QR कोड स्कैन करने से काम होगा, आधार फोटो कॉपी देने की जरूरत नहीं।
- मिनिमल डेटा शेयरिंग: सिर्फ आवश्यक जानकारी (जैसे नाम/आयु) ही साझा होगी, पूरा डिटेल्स नहीं।
क्यों है यह ऐप महत्वपूर्ण?
🔹 सुरक्षा बढ़ेगी: अब तक आधार सत्यापन में नाम, पता, मोबाइल नंबर जैसी अतिरिक्त जानकारी ली जाती थी, जिससे डेटा लीक का खतरा था।
🔹 निजता संरक्षण: यूजर अपनी जानकारी पर पूरा कंट्रोल रख सकेगा।
🔹 डिजिटल इन्क्लूजन: आधार अब आर्थिक विकास और सरकारी योजनाओं का मूल आधार बनेगा।
भारत का डिजिटल मीलस्टोन
- मोबाइल निर्यात में उछाल: FY25 में ₹2 लाख करोड़ के स्मार्टफोन निर्यात (इसमें ₹1.5 लाख करोड़ के आईफोन शामिल)।
- पैसिव कंपोनेंट्स मैन्युफैक्चरिंग स्कीम: ₹22,919 करोड़ के प्रोत्साहन से 1 लाख रोजगार का सृजन।
- UIDAI भविष्य के लिए तैयार: आधार फेस ऑथेंटिकेशन अब ग्लोबल आइडेंटिटी सिस्टम का हिस्सा बनेगा।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
❓ क्या यह ऐप पुराने आधार ऐप की जगह लेगा?
- हां, यह एक अपग्रेडेड वर्जन है जिसमें बेहतर सुरक्षा और यूजर कंट्रोल होगा।
❓ क्या ऑफलाइन मोड में काम करेगा?
- जी हां, QR कोड और फेस ऑथेंटिकेशन ऑफलाइन भी काम करेगा।
निष्कर्ष: भारत की डिजिटल क्रांति में एक और कदम
यह नया आधार ऐप डेटा प्राइवेसी और सुविधा के बीच बेहतर संतुलन स्थापित करेगा। साथ ही, मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग और निर्यात में रिकॉर्ड वृद्धि भारत को ग्लोबल टेक हब बनाने की दिशा में अग्रसर है।
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