संविदाकर्मी ने 10 वर्षों में बनाए 9680 फर्जी प्रमाणपत्र, केस दर्ज
स्थान: जखनियां (गाज़ीपुर) | ताज़ा रिपोर्ट
जखनियां तहसील में 9680 फर्जी प्रमाणपत्र जारी करने के मामले ने पूरे प्रशासनिक तंत्र को हिला कर रख दिया है। तहसीलदार देवेंद्र यादव ने गंभीरता दिखाते हुए संविदा ऑपरेटर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। आरोपी संविदाकर्मी कन्हैया राजभर ने 10 सालों में आय, जाति और निवास के हजारों प्रमाणपत्र फर्जी तरीके से बना डाले।
यह फर्जीवाड़ा डिजिटल हस्ताक्षर का दुरुपयोग कर किया गया। तीन लेखपालों – कैलाश सिंह, संध्या, और रवि भूषण – के स्थानांतरण के बाद भी उनके डिजिटल हस्ताक्षर कार्यालय प्रणाली में एक्टिव थे, जिनका गलत फायदा उठाते हुए कन्हैया राजभर ने यह फर्जी प्रमाणपत्र बनाए।
फर्जीवाड़ा ऐसे हुआ उजागर:
- आंगनवाड़ी भर्ती में शिकायत मिलने पर मामले की जांच शुरू हुई।
- संविदाकर्मी मोबाइल बंद कर फरार हो गया।
- तहसीलदार ने पदभार संभालते ही मामले को संज्ञान में लिया।
- कुल 9680 प्रमाणपत्र फर्जी पाए गए – जिनमें 5849 आय, 1966 जाति और 1865 निवास प्रमाणपत्र शामिल हैं।
“डिजिटल सिग्नेचर के दुरुपयोग से फर्जी प्रमाणपत्र बनाए गए, जिसके आधार पर आरोपी संविदाकर्मी के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।”
– देवेंद्र यादव, तहसीलदार, जखनियां
पुलिस अब आरोपी संविदाकर्मी की तलाश में संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही है। यह मामला प्रशासन की लापरवाही और सिस्टम की खामियों को उजागर करता है। अब सवाल उठता है – क्या डिजिटल व्यवस्था में ऐसे फर्जीवाड़े को रोकने की कोई ठोस प्रणाली है?