हाथरस केस: पूर्व BSA और BEO पर झूठा आरोप लगाने वाली महिला को जेल
संवाद न्यूज एजेंसी | एटा | अप्रैल 2025
उत्तर प्रदेश के हाथरस में शिक्षा विभाग से जुड़ी एक सनसनीखेज घटना सामने आई है। एक महिला द्वारा पूर्व बीएसए (जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी) और बीईओ (खंड शिक्षा अधिकारी) पर लगाए गए झूठे यौन उत्पीड़न के आरोपों को कोर्ट ने सिरे से खारिज कर दिया है। कोर्ट ने महिला और दो शिक्षकों को दोषी करार देते हुए चार साल की जेल की सजा सुनाई है।
मामला तब उठा जब शिक्षक भर्ती में फर्जी दस्तावेजों के ज़रिये नौकरी पाने के आरोप में दो शिक्षकों को बर्खास्त किया गया। इसके बाद उन दोनों ने महिला के साथ मिलकर पूर्व अधिकारियों को फंसाने की साजिश रची। मामला 2017 में मथुरा से जुड़ा है जब एक महिला ने खुद को तलाकशुदा बताते हुए भर्ती प्रक्रिया में आवेदन दिया था।
जांच के दौरान सामने आया कि महिला ने फर्जी विवाह प्रमाणपत्र और दस्तावेज़ लगाए थे। रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई करते हुए 2019 में नौकरी रद्द कर दी गई थी। इसके बाद महिला ने बीएसए भूपेंद्र सिंह और बीईओ संजीव कुमार के खिलाफ यौन उत्पीड़न के झूठे आरोप लगाए, जिससे उनकी छवि को ठेस पहुंची।
कोर्ट का सख्त रुख: दोषियों को चार साल जेल और जुर्माना
विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण) ने इस मामले में महिला, दो शिक्षक और अन्य सहयोगियों को साजिश रचने, झूठा केस दर्ज कराने और फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत करने का दोषी पाया। अदालत ने महिला पर 5000 रुपये का अतिरिक्त जुर्माना भी लगाया है।
यह फैसला उन सभी के लिए एक चेतावनी है जो सरकारी पदाधिकारियों और सिस्टम को बदनाम करने के उद्देश्य से फर्जी आरोप लगाते हैं। कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि ऐसे मामलों में कठोर दंड दिया जाएगा ताकि भविष्य में कोई इस तरह की हरकत न कर सके।