हाईस्कूल-इंटर की नकली NCERT किताबों का भंडाफोड़, दो आरोपी गिरफ्तार – असली वाटरमार्क ने खोल दी पोल
प्रयागराज (इलाहाबाद):
शहर में हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की नकली NCERT किताबों के कारोबार का पर्दाफाश करते हुए नगर कोतवाली पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। शुक्रवार को जीरो रोड स्थित श्याम जी एंड संस नामक दुकान से दो लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिनके पास 476 फर्जी किताबें बरामद की गईं।
कैसे हुआ खुलासा?
सूत्रों के मुताबिक, कई महीनों से शहर में नकली किताबों का गोरखधंधा चल रहा था। इन किताबों को हूबहू असली NCERT जैसी डिजाइन और प्रिंटिंग के साथ तैयार किया गया था, लेकिन आरोपियों से एक बड़ी चूक हो गई – NCERT का असली वाटरमार्क और लोगो वे कॉपी नहीं कर सके, और यही उनकी पोल खोलने का कारण बना।
दो आरोपी गिरफ्त में, मुख्य सरगना की तलाश जारी
गिरफ्तार किए गए अश्वनी मखीजा और कृष्ण कुमार शर्मा से पूछताछ में पुलिस को कई अहम जानकारियाँ मिली हैं। माना जा रहा है कि इस गिरोह का मुख्य सरगना भी शहर का ही निवासी है और जल्द ही उसे पकड़ने के लिए पुलिस ने जाल बिछा दिया है।
इंस्पेक्टर रोहित तिवारी के अनुसार, “दोनों आरोपियों को जेल भेज दिया गया है। गिरोह से जुड़े अन्य लोगों की तलाश और नेटवर्क की जांच की जा रही है।”
किताबों की कुल बरामद संख्या:
- 476 किताबें
- 10वीं और 12वीं के सभी विषयों की कॉपी
- तीन बड़े बोरों में छिपाकर रखा गया था माल
क्या है NCERT का वाटरमार्क मामला?
NCERT की असली किताबों में एक खास वाटरमार्क (Watermark) और सीक्रेट कोड होता है, जो केवल अधिकृत प्रिंटर ही इस्तेमाल कर सकते हैं। नकली किताबों में यह सुरक्षा चिन्ह नहीं था, जिससे उनकी पहचान संभव हो सकी।
नकली किताबों का असर किस पर?
- छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़
- मूल्यवृद्धि और गुणवत्ता में अंतर
- शिक्षा व्यवस्था की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह
अंतिम बात: सतर्क रहें, असली किताबें ही खरीदें
पुलिस और शिक्षा विभाग ने छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों से अपील की है कि वे केवल अधिकृत बुकस्टॉल और वेबसाइट्स से ही NCERT की किताबें खरीदें, ताकि इस प्रकार के फर्जीवाड़े से बचा जा सके।
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