बिना आधार ड्रॉपआउट का दाखिला कैसे लें शिक्षक?
लखनऊ: स्कूल चलो अभियान के तहत बेसिक शिक्षा विभाग की नई पहल से कई बच्चों के भविष्य पर संकट खड़ा हो गया है। बिना आधार कार्ड वाले ड्रॉपआउट छात्रों के दाखिले पर ब्रेक लग गया है। शिक्षक परेशान हैं कि आखिरकार बिना जरूरी दस्तावेज के इन बच्चों को विद्यालय में कैसे शामिल करें।
आवश्यक दस्तावेज न होने पर दाखिला रुका
बेसिक शिक्षा अधिकारी एवं शिक्षकों के अनुसार, कई माता-पिता के पास अपने बच्चों का आधार या जन्म प्रमाण पत्र नहीं है। ऐसे में शिक्षकों को केवल मौखिक रूप से जानकारी मिल रही है कि बच्चे ने पहले किस स्कूल में पढ़ाई की थी।
बिना आधार यू डायस पोर्टल पर बच्चों का नाम दर्ज नहीं हो पा रहा, जिससे आगे की प्रक्रिया ठप हो गई है। बच्चों को सिर्फ बैठने की अनुमति दी जा रही है, लेकिन औपचारिक दाखिला नहीं हो रहा।
निजी स्कूल नहीं दे रहे RTE के तहत दाखिला
लखनऊ: मुफ्त शिक्षा के अधिकार अधिनियम (RTE) के तहत कई निजी स्कूल अब तक बच्चों का दाखिला नहीं ले रहे हैं। कई प्रतिष्ठित स्कूलों ने प्रक्रियात्मक कारणों या दस्तावेजों की कमी का हवाला देकर बच्चों को प्रवेश देने से इनकार कर दिया है।
माता-पिता की शिकायत है कि निजी स्कूलों द्वारा सरकारी निर्देशों की अनदेखी की जा रही है, जिससे कमजोर वर्ग के बच्चे शिक्षा से वंचित हो रहे हैं।
डायट में लगेंगे नवाचार मेले, शिक्षकों का इनोवेशन दिखेगा
राज्य स्तरीय नवाचार एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) में जल्द ही नवाचार मेले लगाए जाएंगे, जिसमें प्रभावशाली शिक्षण तकनीकों को साझा किया जाएगा।
इसका उद्देश्य शिक्षकों को प्रोत्साहित करना है ताकि वे सीमित संसाधनों में बेहतर परिणाम दे सकें और सभी बच्चों को शिक्षा से जोड़ सकें — चाहे उनके पास दस्तावेज हों या नहीं।
निष्कर्ष: आधार जैसी बाधाओं से शिक्षा नहीं रुकनी चाहिए। जरूरत है एक लचीली नीति और तुरंत समाधान की ताकि हर बच्चा शिक्षा से जुड़ सके।
SARKARIKALAM