स्कूल चलो अभियान में आधार बना समस्या
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में नए शैक्षिक सत्र के तहत चल रहे “स्कूल चलो अभियान” में बच्चों के प्रवेश की राह में आधार कार्ड एक बड़ी बाधा बन गया है।
आधार न होने से रुक रहे हैं दाखिले
स्कूलों में दाखिला लेने वाले कई बच्चों का आधार कार्ड अभी तक नहीं बना है। इसके चलते शिक्षकों को निर्देश दिया गया है कि वे आधार के बिना किसी भी बच्चे का नामांकन न करें। कुछ विद्यालयों में केवल बैठने की अनुमति दी जा रही है लेकिन पंजीकरण तब ही होगा जब आधार उपलब्ध कराया जाएगा।
हालांकि, शिक्षा विभाग ने 15 दिन का समय अभिभावकों को आधार बनवाने के लिए देने की बात कही है, लेकिन इस बीच न तो बच्चों का पूरा दाखिला हो पा रहा है और न ही उन्हें किसी सरकारी योजना का लाभ मिल रहा है।
यू-डायस और आधार की अनिवार्यता
बेसिक शिक्षा विभाग के अनुसार, जिन बच्चों का आधार कार्ड और आधार लिंक्ड UID (U-DISE) आईडी नहीं बनेगी, उन्हें प्रवेश सूची में शामिल नहीं किया जाएगा। यही नहीं, स्कूल के शिक्षकों से भी कहा गया है कि वे केवल उन्हीं बच्चों का नाम दर्ज करें जिनके पास वैध आधार हो।
शिक्षकों की वेतन समस्या भी जुड़ी
फरवरी माह में आधार आधारित शिक्षक आईडी न बनने के कारण बीएसए ने शिक्षकों का वेतन भी रोक दिया था। इससे शिक्षक समुदाय में भारी नाराजगी फैली है।
विभाग का कहना है कि बिना आधार के बच्चों को सरकार की योजनाओं जैसे पोषण योजना, वर्दी, छात्रवृत्ति आदि का लाभ नहीं मिल पाएगा।
बेसिक शिक्षा अधिकारी की प्रतिक्रिया
बेसिक शिक्षा अधिकारी राम प्रवेश ने बताया कि प्रदेश स्तर पर आधार को लेकर कोई समस्या नहीं है। जहां भी इस विषय में कोई असमंजस की स्थिति है, वहां तत्काल समाधान किया जा रहा है।
निष्कर्ष:
स्कूल चलो अभियान का उद्देश्य अधिक से अधिक बच्चों को शिक्षा से जोड़ना है, लेकिन आधार कार्ड की अनिवार्यता इस उद्देश्य में रुकावट बन रही है। सरकार को चाहिए कि वह आधार रहित बच्चों के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था लागू करे ताकि शिक्षा से कोई बच्चा वंचित न रह जाए।
SARKARIKALAM