: फर्जी बीएड डिग्री से नौकरी पाने वाली शिक्षिका बर्खास्त, 15 साल बाद हुआ बड़ा खुलासा

Title: फर्जी बीएड डिग्री से नौकरी पाने वाली शिक्षिका बर्खास्त, 15 साल बाद हुआ बड़ा खुलासा
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शिक्षा विभाग में बड़ा फर्जीवाड़ा, 15 साल बाद सामने आया सच ⚠️

उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के बिलग्राम क्षेत्र से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है जहाँ बीएड की फर्जी डिग्री लगाकर नौकरी पाने वाली शिक्षिका शमीम जहां को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बर्खास्त कर दिया है। यह मामला शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली और दस्तावेज़ों की जाँच प्रक्रिया पर सवाल खड़े करता है।

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2009 में हुई थी तैनाती, अब हुआ पर्दाफाश 🕵️‍♀️

शमीम जहां साल 2009 में शाहजहांपुर जिले के जलालाबाद विकासखंड के अल्हादादपुर प्राथमिक विद्यालय में बतौर सहायक अध्यापक तैनात हुई थीं। बाद में स्थानांतरण के बाद उन्हें हरदोई के मितमितपुर संविलियन विद्यालय में नियुक्त किया गया। वह पिछले करीब 15 साल से परिषदीय स्कूल में सेवा दे रही थीं


फर्जी डिग्री से मिली नौकरी, अब भुगतना पड़ेगा खामियाजा

बीएसए विजय प्रताप सिंह के अनुसार, शमीम जहां पुत्री इदरीश अंसारी द्वारा प्रस्तुत की गई बीएड डिग्री फर्जी पाई गई। जांच में पुष्टि होते ही उन्हें तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया गया है। साथ ही, अब तक दिए गए वेतन और भत्तों की वसूली राजस्व की तरह करने के आदेश भी जारी कर दिए गए हैं।


शिक्षा विभाग के लिए बड़ा सबक 📚

यह मामला सिर्फ एक व्यक्ति की नहीं बल्कि पूरे शिक्षा तंत्र की पारदर्शिता और जांच प्रक्रिया पर भी सवाल उठाता है। 15 साल तक फर्जी डिग्री पर सेवा देना इस बात को दर्शाता है कि नियुक्तियों में दस्तावेजों की सख्ती से जांच नहीं होती। अब शिक्षा विभाग को ऐसे अन्य मामलों की भी समीक्षा करने की आवश्यकता है।


जनता को संदेश:

  • अगर आप किसी शिक्षक की नियुक्ति पर संदेह करते हैं, तो शिकायत दर्ज करवाएं
  • शिक्षा का स्तर तभी सुधरेगा जब योग्य शिक्षक ही कक्षाओं में पढ़ाएंगे
  • फर्जीवाड़े को रोकना हम सभी की जिम्मेदारी है।

निष्कर्ष:
शमीम जहां का मामला यह दर्शाता है कि चाहे सालों बाद ही सही, लेकिन अनियमितता का पर्दाफाश जरूर होता है। शिक्षा विभाग की इस कार्रवाई से अन्य मामलों में भी कार्रवाई की उम्मीद जगी है।


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सत्य की राह भले ही धीमी हो, पर पहुंच जरूर होती है!

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