सुप्रीम कोर्ट ने यूपी में अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान वायरल वीडियो का जिक्र किया
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को उस सोशल मीडिया वीडियो का जिक्र किया, जो हाल ही में उत्तर प्रदेश में चलाए गए अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान वायरल हुआ था। वीडियो में एक आठ साल की बच्ची को किताबों का गुच्छा पकड़कर झुग्गी के मलबे से भागते हुए दिखाया गया है, जबकि उसी समय बुलडोजर झुग्गियों को गिरा रहा था।
कोर्ट की टिप्पणी
जस्टिस अभय एस ओका और उज्जल भुइयां की पीठ ने इस वीडियो का उल्लेख करते हुए कहा कि यह वीडियो सभी को चौंका देने वाला था। वीडियो में एक छोटी बच्ची हाथ में किताबों का गुच्छा लेकर बुलडोजर से गिराई जा रही झुग्गी से भाग रही है। इस दृश्य ने आलोचनाओं को जन्म दिया है, और विपक्ष ने इस कार्रवाई की तेजी से आलोचना की थी।
पुलिस का बचाव
विपक्ष की आलोचना के बाद, पुलिस ने इस कार्रवाई का बचाव करते हुए कहा कि यह कार्रवाई तहसीलदार के आदेश पर की गई थी। पुलिस ने बताया कि 8 दिसंबर 2020 को प्राधिकरण द्वारा नोटिस जारी किया गया और उसी दिन यह नोटिस घर पर चस्पा किया गया। इसमें यह भी उल्लेख था कि दो मौकों पर इस नोटिस को व्यक्तिगत रूप से तामील करने का प्रयास किया गया, लेकिन वह सफल नहीं हो पाया।
कोर्ट का रुख
कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि इस वीडियो को लेकर एक गंभीर प्रश्न उठता है, और इसकी जांच होनी चाहिए कि किस प्रकार यह कार्रवाई की गई और क्या यह सही थी।
यह मामला, जो प्रयागराज में अवैध झुग्गियों के खिलाफ चलाए गए अभियान से जुड़ा है, अब सुप्रीम कोर्ट में सुने जाने के बाद और अधिक गंभीर हो गया है।