एनएमओपीएस और अटेवा के आह्वान पर शिक्षकों-कर्मचारियों ने मनाया काला दिवस ⚫📢
नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम (NMOPS) और अटेवा पेंशन बचाओ मंच के आह्वान पर मंगलवार को पूरे देश में शिक्षकों, कर्मचारियों और अधिकारियों ने काला दिवस मनाया। इस दौरान यूपीएस और एनपीएस के विरोध में सभी कर्मचारियों ने बांह पर काली पट्टी बांधकर अपने कार्यस्थल पर विरोध दर्ज कराया।
🔹 प्रदर्शन और मांगें
📌 यूपीएस (यूनिफॉर्म पेंशन स्कीम) और एनपीएस (नेशनल पेंशन स्कीम) के खिलाफ विरोध
📌 1 मई को जंतर-मंतर पर विशाल प्रदर्शन का ऐलान
📌 केंद्र सरकार से पुरानी पेंशन व्यवस्था (OPS) बहाल करने की मांग
📌 कर्मचारियों का पैसा डूबने से बचाने की अपील
🔹 लखनऊ में जोरदार विरोध प्रदर्शन
🏛️ ग्लोब पार्क में सभी विभागों के कर्मचारियों और शिक्षकों ने किया प्रदर्शन
🚶♂️ डीएम कार्यालय तक निकाला गया विरोध मार्च
📜 डीएम के प्रतिनिधि को सौंपा ज्ञापन
अटेवा प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार बंधु ने कहा कि 1 अप्रैल 2025 से केंद्र सरकार यूपीएस लागू करने जा रही है, जो एनपीएस से भी ज्यादा घातक होगी। उन्होंने अर्द्धसैनिक बलों के लिए भी इस योजना को नुकसानदायक बताया और कहा कि पुरानी पेंशन व्यवस्था ही कर्मचारियों के हित में है।
🔹 कर्मचारियों ने उठाए सवाल
🗣️ प्रदेश महामंत्री डॉ. नीरज पति त्रिपाठी ने कहा कि एनपीएस और यूपीएस में कर्मचारियों की मेहनत की कमाई डूब रही है।
🗣️ स्वास्थ्य महासंघ के प्रदेश महामंत्री अशोक कुमार ने कहा, “नेता तो चार-चार पेंशन ले सकते हैं, फिर शिक्षकों और कर्मचारियों को पेंशन देने में क्या दिक्कत है?”
🔹 प्रमुख नेता और प्रतिभागी
👥 लुआक्टा अध्यक्ष डॉ. मनोज पांडेय, सुनील कुमार वर्मा, हरिशंकर राठौर, विजय यादव, अमित यादव, धर्मेंद्र सिंह, नरेंद्र प्रताप सिंह, नरेंद्र कुमार, हेमंत खड़का, नरपत सिंह, रामेंद्र श्रीवास्तव, डॉ. अब्दुल रहीम आदि इस प्रदर्शन में शामिल रहे।
🔹 निष्कर्ष
एनएमओपीएस और अटेवा के नेतृत्व में हुआ यह विरोध प्रदर्शन सरकार के लिए एक बड़ा संदेश है। कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाली की मांग लगातार तेज होती जा रही है, और 1 मई को जंतर-मंतर पर होने वाला राष्ट्रीय प्रदर्शन सरकार पर और अधिक दबाव बना सकता है।
📢 सरकार क्या पुरानी पेंशन बहाल करेगी? या विरोध और उग्र होगा? समय ही बताएगा!
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