अप्रैल से जून तक अधिक गर्मी का अलर्ट, लू के दिनों में होगी वृद्धि 🔥

🌡️ अप्रैल से जून तक अधिक गर्मी का अलर्ट, लू के दिनों में होगी वृद्धि 🔥

नई दिल्ली: मौसम विभाग ने अप्रैल से जून के बीच भारत में सामान्य से अधिक गर्मी पड़ने का अलर्ट जारी किया है। खासकर मध्य, पूर्वी और उत्तर-पश्चिमी राज्यों में लू (गर्म हवाएं) वाले दिनों की संख्या पिछली बार से अधिक हो सकती है। कुछ राज्यों में लू के दिन दोगुना होने का अनुमान है।


⚠️ लू और गर्मी की स्थिति

🔸 पिछले साल की तुलना में इस बार गर्मी की लहर जल्दी आ सकती है।
🔸 अप्रैल से जून तक उत्तर भारत, पूर्वी भारत, मध्य भारत और उत्तर-पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में 2 से 4 दिन अधिक लू चलने की आशंका है।
🔸 उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल सहित कई राज्यों में लू चलने की संभावना है।


📈 तापमान में वृद्धि

🔹 अप्रैल में अधिकांश क्षेत्रों में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहेगा। हालांकि, कुछ क्षेत्रों में सामान्य तापमान की उम्मीद है, जैसे दक्षिणी और उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र
🔹 उत्तर-पश्चिम और उत्तर-पूर्व में कुछ स्थानों पर तापमान सामान्य से कम भी रह सकता है, लेकिन सामान्य से अधिक न्यूनतम तापमान रहेगा।

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🌪️ लू के दिनों में वृद्धि

🔹 कुछ राज्यों में, जैसे उत्तर प्रदेश, झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़, 10 से 11 दिन तक लू चलने का अनुमान है।
🔹 पिछले साल 536 लू के दिन दर्ज किए गए थे, जो 14 साल में सबसे अधिक थे।


🏥 अस्पतालों के लिए तैयारी

🔹 केंद्र सरकार ने राज्यों से अस्पतालों की तैयारियों की जांच करने को कहा है, ताकि हीटस्ट्रोक और गर्मी से संबंधित बीमारियों का सही तरीके से इलाज किया जा सके।
🔹 लू के शिकार लोगों के लिए तत्काल उपचार करने के उपाय किए जाने की आवश्यकता है।


⚡ बिजली की मांग में वृद्धि

🔹 विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि इस बार गर्मी के दौरान बिजली की मांग में 9 से 10 प्रतिशत तक वृद्धि हो सकती है।
🔹 पिछले साल, 30 मई को 2,50,000 मेगावाट से अधिक बिजली की मांग दर्ज की गई थी, जो पूर्वानुमान से 6.3 प्रतिशत अधिक थी।


🌧️ वर्षा का पूर्वानुमान

🔹 आईएमडी के अनुसार, अप्रैल में वर्षा का औसत 88 से 112 प्रतिशत रहने की संभावना है।
🔹 उत्तर-पश्चिम, उत्तर-पूर्व, पश्चिम-मध्य और प्रायद्वीपीय भारत के कुछ क्षेत्रों में सामान्य से अधिक वर्षा हो सकती है।
🔹 पश्चिमी घाट और पूर्वोत्तर राज्यों में बाढ़ और भूस्खलन की संभावना भी जताई गई है।


इस बार गर्मी और लू के दिनों में बढ़ोतरी के साथ-साथ बिजली की मांग और स्वास्थ्य सेवाओं पर दबाव बढ़ सकता है। सभी को इस मौसम में एहतियात बरतने की आवश्यकता है।

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