उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती 2023: आयुष पटेल के मामले में हाईकोर्ट ने दिया एक माह में निर्णय लेने का आदेश

उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती 2023: आयुष पटेल के मामले में हाईकोर्ट ने दिया एक माह में निर्णय लेने का आदेश

🔹 हाईकोर्ट का बड़ा फैसला – पुलिस भर्ती बोर्ड को निर्देश

लखनऊ: उत्तर प्रदेश पुलिस कांस्टेबल भर्ती 2023 में बदायूं निवासी आयुष पटेल को अस्थायी रूप से फिट घोषित किए जाने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड, लखनऊ को एक महीने के भीतर निर्णय लेने का आदेश दिया है।

यह आदेश न्यायमूर्ति अजीत कुमार की पीठ ने सुनाया, जिसमें भर्ती प्रक्रिया में याची की श्रेणी परिवर्तन और आरक्षण के अधिकार को लेकर उठे विवाद को स्पष्ट करने की बात कही गई है।


📌 क्या है पूरा मामला?

➡️ आयुष पटेल ने पुलिस भर्ती परीक्षा में सफलता प्राप्त की थी।
➡️ 8 जनवरी 2025 को शारीरिक परीक्षण एवं प्रमाणपत्र जांच पुलिस लाइन शाहजहांपुर में संपन्न हुई।
➡️ इस दौरान समीक्षा एवं शारीरिक मानक प्रशिक्षण बोर्ड के समक्ष पेश करने पर याची की श्रेणी बदलकर ओबीसी से सामान्य कर दी गई।
➡️ आयुष पटेल ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के आरक्षण प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया, लेकिन भर्ती बोर्ड के चार सदस्यों ने इसे स्वीकार नहीं किया और अस्थायी फिट कर दिया।


⚖️ याची ने हाईकोर्ट में दी चुनौती

याची के अधिवक्ता ने हाईकोर्ट में दलील दी कि:

WhatsApp Channel Join Now
WhatsApp Group Join Now
Telegram Channel Join Now

आयुष पटेल स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के आरक्षण का लाभ पाने के पूर्ण रूप से पात्र हैं।
अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण, शाहजहांपुर ने इस मामले में अपर सचिव, पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड लखनऊ को याची का प्रत्यावेदन भेजा था, जो अभी भी विचाराधीन है।


🔥 हाईकोर्ट का आदेश

हाईकोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा कि:

✔️ पुलिस भर्ती बोर्ड एक माह के भीतर निर्णय ले और स्पष्ट करे कि याची को भर्ती में अंतिम रूप से फिट घोषित किया जाएगा या नहीं।
✔️ याची को उसके आरक्षण के अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता, यदि वह प्रमाणित रूप से योग्य है।


📢 पुलिस भर्ती में आरक्षण विवाद – क्या होगा अगला कदम?

➡️ यदि भर्ती बोर्ड हाईकोर्ट के निर्देशों का पालन करता है, तो आयुष पटेल को आरक्षण का लाभ मिल सकता है।
➡️ यदि बोर्ड फैसला याची के खिलाफ देता है, तो यह मामला आगे सुप्रीम कोर्ट तक भी जा सकता है।

यह मामला उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती में आरक्षण प्रक्रिया और श्रेणी परिवर्तन के मामलों पर एक मिसाल बन सकता है।


🔎 निष्कर्ष: न्यायिक आदेश से भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता की उम्मीद

यूपी पुलिस भर्ती बोर्ड पर कोर्ट के आदेश के बाद निर्णय लेने की जिम्मेदारी बढ़ गई है।
आरक्षित श्रेणी से जुड़े उम्मीदवारों को अब भविष्य में स्पष्ट नियमों की आवश्यकता होगी।
यह फैसला पुलिस भर्ती प्रक्रिया की निष्पक्षता और पारदर्शिता को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।

🔹 क्या आपको लगता है कि आरक्षण प्रक्रिया में और सुधार की जरूरत है? अपने विचार कमेंट में साझा करें!


📝 Meta Keywords:

उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती 2023, पुलिस भर्ती विवाद, आयुष पटेल केस, इलाहाबाद हाईकोर्ट आदेश, यूपी पुलिस भर्ती बोर्ड, आरक्षण विवाद, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आरक्षण, पुलिस कांस्टेबल भर्ती, हाईकोर्ट फैसला

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top