यूजीसी ने उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय को दिया 12 (बी) का दर्जा – शैक्षणिक व शोध कार्यों को मिलेगी वित्तीय सहायता

यूजीसी ने उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय को दिया 12 (बी) का दर्जा – शैक्षणिक व शोध कार्यों को मिलेगी वित्तीय सहायता

🔹 यूपी का पहला मुक्त विश्वविद्यालय बना जिसे यूजीसी की धारा 12 (बी) की मान्यता मिली

प्रयागराज: उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा धारा 12 (बी) का दर्जा प्रदान कर दिया गया है। इस मान्यता के बाद अब विश्वविद्यालय को शैक्षणिक और शोध कार्यों के लिए वित्तीय सहायता प्राप्त करने का अधिकार मिल गया है।

यूजीसी की ओर से बुधवार को मान्यता पत्र जारी किया गया।
विशेषज्ञ समिति ने 7 और 8 अक्तूबर 2024 को विश्वविद्यालय का ऑनलाइन निरीक्षण और दस्तावेजों का सत्यापन किया।
रिपोर्ट के आधार पर यूजीसी ने 12 (बी) की मान्यता का पत्र जारी किया।

कुलपति प्रो. सत्यकाम ने इस उपलब्धि को विश्वविद्यालय के शिक्षकों, कर्मचारियों और छात्रों की कड़ी मेहनत व समर्पण का परिणाम बताया और कहा कि यह विश्वविद्यालय के लिए गौरव का क्षण है।

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⚖️ 12 (बी) का दर्जा मिलने के क्या हैं फायदे?

शोध परियोजनाओं को वित्तीय सहायता मिलेगी।
गोष्ठियों, कार्यशालाओं और अन्य शैक्षणिक गतिविधियों के लिए अनुदान मिलेगा।
शोधार्थी और शिक्षक यूजीसी और भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ उठा सकेंगे।
विश्वविद्यालय में उद्यमिता, कौशल विकास और स्टार्टअप से जुड़े प्रोजेक्ट्स को सरकारी सहयोग मिलेगा।
शोध कार्यों और शिक्षकों की पदोन्नति को नई गति मिलेगी।

कुलपति प्रो. सत्यकाम ने कहा:

“यह उपलब्धि उच्च शिक्षा और अनुसंधान को बढ़ावा देगी। विश्वविद्यालय अब शिक्षा और अनुसंधान में नई ऊंचाइयों तक पहुंचेगा।”


🎯 यूपी का पहला मुक्त विश्वविद्यालय जिसे मिली यह मान्यता

➡️ उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रदेश का पहला मुक्त विश्वविद्यालय बन गया है जिसे यूजीसी की धारा 12 (बी) की मान्यता मिली है।
➡️ इस मान्यता के बाद, विश्वविद्यालय राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शोध एवं शैक्षणिक गतिविधियों में और अधिक मजबूती से अपनी उपस्थिति दर्ज करा सकेगा।


🔎 निष्कर्ष: शिक्षा और शोध में नए अवसरों का द्वार खुला

🔹 यह उपलब्धि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है।
🔹 शोध और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय को अब राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान मिलेगी।
🔹 आने वाले वर्षों में विश्वविद्यालय शिक्षा और अनुसंधान में उत्कृष्टता के लिए अपने प्रयासों को और तेज करेगा।

📢 क्या आप मानते हैं कि इस फैसले से उच्च शिक्षा और शोध को नया प्रोत्साहन मिलेगा? अपनी राय कमेंट में साझा करें!


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