भारत के अमीरों का बढ़ता विदेशी रुझान: बेहतर जीवन स्तर और कारोबारी सुगमता बनी मुख्य वजह

भारत के अमीरों का बढ़ता विदेशी रुझान: बेहतर जीवन स्तर और कारोबारी सुगमता बनी मुख्य वजह

🔹 हर पांच में से एक अति धनाढ्य व्यक्ति विदेश बसने की योजना बना रहा

नई दिल्ली: भारत के अति धनाढ्य (Ultra High Net Worth Individuals – UHNIs) लोगों में से कम से कम 22% दूसरे देशों में बसने की योजना बना रहे हैं। प्रमुख कारणों में बेहतर जीवन स्तर, कारोबार में आसानी, उच्च शिक्षा, और स्वास्थ्य सेवाएं शामिल हैं।

➡️ 2023 में भारत में 2.83 लाख अति धनाढ्य व्यक्ति थे, जिनकी कुल संपत्ति 2.83 लाख करोड़ रुपये आंकी गई।
➡️ 2028 तक यह संख्या बढ़कर 4.3 लाख होने का अनुमान है, जिनकी कुल संपत्ति 359 लाख करोड़ रुपये होगी।

कोटक प्राइवेट और ईवाई (EY) द्वारा किए गए इस सर्वेक्षण में यह बात सामने आई कि प्रवास करने वाले अमीरों की पहली पसंद अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और यूएई हैं।

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📌 क्यों विदेश बसना चाहते हैं भारत के अमीर?

➡️ बेहतर जीवन स्तर – स्वास्थ्य सेवाएं, उच्च शिक्षा, और सुरक्षित जीवन के लिए।
➡️ कारोबार की सुगमता – उद्यमशीलता के लिए अनुकूल वातावरण।
➡️ गोल्डन वीजा योजनाएं – यूएई जैसे देशों की विशेष निवास योजनाएं अमीरों को आकर्षित कर रही हैं।
➡️ भविष्य में निवेश – बच्चों की शिक्षा और परिवार की बेहतर लाइफस्टाइल के लिए।

सर्वेक्षण के अनुसार, हर पांच में से एक अति धनाढ्य व्यक्ति फिलहाल प्रवास की प्रक्रिया में है या इसकी योजना बना रहा है। हालांकि, अधिकांश अमीर अपनी भारतीय नागरिकता बनाए रखना चाहते हैं और सिर्फ स्थायी निवास (Permanent Residency) के विकल्प तलाश रहे हैं।


🌍 किन देशों में बसना चाहते हैं अमीर भारतीय?

अमेरिका (USA) – व्यापार और शिक्षा के लिहाज से सबसे पसंदीदा देश।
ब्रिटेन (UK) – उच्च शिक्षा और व्यापारिक अवसरों के कारण आकर्षक।
ऑस्ट्रेलिया – सुरक्षित और स्थिर जीवनशैली के लिए।
कनाडा – स्टार्टअप और निवेश योजनाओं के कारण लोकप्रिय।
यूएई (UAE) – “गोल्डन वीज़ा” जैसी योजनाओं से आकर्षण बढ़ा।


💰 क्या इससे भारतीय अर्थव्यवस्था पर असर पड़ेगा?

🔹 कोटक महिंद्रा बैंक की अध्यक्ष गौतमी गावनकर का कहना है कि इसे देश से पूंजी के बाहर जाने के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।
🔹 भारत सरकार पूंजी प्रवाह को संतुलित बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम उठा रही है।
🔹 अमीर भारतीय, विदेश में बसने के बावजूद, अपने व्यावसायिक निवेश और पूंजी का एक बड़ा हिस्सा भारत में बनाए रख सकते हैं।


📢 निष्कर्ष: भारत में बढ़ रही प्रवास की प्रवृत्ति

अति धनाढ्य लोगों में विदेश बसने की प्रवृत्ति तेजी से बढ़ रही है।
जीवन स्तर, कारोबार में आसानी और उच्च शिक्षा प्रमुख कारण हैं।
2028 तक अति धनाढ्य भारतीयों की संख्या दोगुनी होने की उम्मीद है।
यूएई, अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा पसंदीदा गंतव्य हैं।

📢 क्या आप मानते हैं कि भारतीय अमीरों का विदेश बसना देश की अर्थव्यवस्था के लिए नुकसानदायक है? अपनी राय कमेंट में साझा करें!


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