आंगनबाड़ी कार्यकत्री की भर्ती पर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला!
📜 हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के अंकों के आधार पर बनेगी मेरिट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आंगनबाड़ी कार्यकत्री के पद के लिए नियुक्ति प्रक्रिया को लेकर महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। अब मेरिट सूची केवल हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के अंकों के आधार पर बनेगी। स्नातक और स्नातकोत्तर डिग्री को प्राथमिकता नहीं दी जाएगी।
⚖️ हाईकोर्ट का आदेश: स्नातक और स्नातकोत्तर डिग्री नहीं होगी अनिवार्य
न्यायमूर्ति अजीत कुमार की एकल पीठ ने यह फैसला चांदनी पांडेय द्वारा दायर याचिका पर सुनाया।
➡️ क्या था मामला?
याची चांदनी पांडेय ने आंगनबाड़ी कार्यकत्री के पद के लिए आवेदन किया था। लेकिन तकनीकी गड़बड़ी के कारण वह अपनी स्नातकोत्तर डिग्री अपलोड नहीं कर पाई और इस कारण उसका आवेदन खारिज कर दिया गया।
➡️ हाईकोर्ट का तर्क:
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि –
✅ आंगनबाड़ी कार्यकत्री पद के लिए स्नातक या स्नातकोत्तर डिग्री अनिवार्य नहीं है।
✅ नियुक्ति हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के अंकों के आधार पर होनी चाहिए।
✅ स्नातक या स्नातकोत्तर योग्यता को अधिमान्य (प्राथमिकता वाली) योग्यता नहीं माना जा सकता।
✅ मेरिट सूची केवल न्यूनतम शैक्षिक योग्यता (हाईस्कूल और इंटर) के आधार पर बनेगी।
🏫 भर्ती प्रक्रिया में बदलाव, उम्मीदवारों को होगा लाभ
➡️ इस फैसले से उन उम्मीदवारों को राहत मिलेगी, जिनके हाईस्कूल और इंटर में अच्छे अंक हैं लेकिन स्नातक या स्नातकोत्तर की डिग्री नहीं है।
➡️ अब केवल न्यूनतम योग्यता के आधार पर चयन होगा, जिससे अधिक पारदर्शिता आएगी।
➡️ राज्य सरकार और संबंधित विभागों को निर्देश दिया गया है कि वे इसी नियम के अनुसार मेरिट सूची तैयार करें।
🚀 निष्कर्ष
इलाहाबाद हाईकोर्ट का यह फैसला आंगनबाड़ी भर्ती प्रक्रिया में एक बड़ा सुधार है। इससे उम्मीदवारों को बराबरी का मौका मिलेगा और चयन प्रक्रिया अधिक पारदर्शी होगी। अब उम्मीदवारों को सिर्फ हाईस्कूल और इंटर के अंकों के आधार पर चयनित किया जाएगा, जिससे भर्ती प्रक्रिया और सरल हो जाएगी।