📚 परीक्षा प्रणाली – कक्षा 1 से 8 तक 📚
शिक्षा के क्षेत्र में परीक्षा प्रणाली छात्रों के मूल्यांकन का सबसे महत्वपूर्ण माध्यम है। छात्रों के मानसिक और शारीरिक विकास को ध्यान में रखते हुए **कक्षा 1 से 8 तक** की परीक्षा प्रणाली को विशेष रूप से डिज़ाइन किया गया है। इसमें **सत्रीय परीक्षा, अर्धवार्षिक परीक्षा, और वार्षिक परीक्षा** का संतुलित मिश्रण रखा गया है।
📊 परीक्षा प्रणाली का संक्षिप्त विवरण
नीचे दी गई तालिका में **कक्षा अनुसार परीक्षा प्रणाली**, लिखित व मौखिक परीक्षा का विभाजन और कुल पूर्णांक की जानकारी दी गई है:
कक्षा | सत्र परीक्षा | अर्धवार्षिक परीक्षा | वार्षिक परीक्षा | लिखित (%) | मौखिक (%) | कुल पूर्णांक |
---|---|---|---|---|---|---|
1 | 10 | 30 | 50 | ❌ | ✅ 100% | 300 |
2 | 10 (5+5) | 30 (15+15) | 50 (25+25) | 50% | 50% | 300 |
3 | 10 (5+5) | 30 (15+15) | 50 (25+25) | 50% | 50% | 700 |
4-5 | 10 (7+3) | 30 (21+9) | 50 (35+15) | 70% | 30% | 700 |
6-8 | 10 | 30 | 50 | ✅ 100% | ❌ | 1000 |
🔹 परीक्षा प्रणाली की विशेषताएँ
- कक्षा 1: 100% मौखिक परीक्षा, जिससे छोटे बच्चों को लिखने का दबाव न हो।
- कक्षा 2-3: 50% लिखित और 50% मौखिक परीक्षाएं, जिससे छात्रों का समग्र विकास हो।
- कक्षा 4-5: 70% लिखित और 30% मौखिक, जिससे लिखित क्षमता को अधिक महत्व मिले।
- कक्षा 6-8: 100% लिखित परीक्षा, जिससे उच्च कक्षाओं के लिए छात्रों को तैयार किया जाए।
📢 निष्कर्ष
यह परीक्षा प्रणाली **छात्रों की मानसिक और शारीरिक क्षमता** को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है। **छोटी कक्षाओं में मौखिक परीक्षा अधिक** होती है, जबकि **बड़ी कक्षाओं में लिखित परीक्षा** पर जोर दिया गया है। इससे छात्रों का संपूर्ण विकास सुनिश्चित किया जाता है।
📌 यह प्रणाली शिक्षा में गुणवत्ता और संतुलन बनाए रखने में सहायक होगी।