दुष्कर्म पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई आज
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक विवादित फैसले पर स्वतः संज्ञान लेते हुए बुधवार को सुनवाई करने का निर्णय लिया है। इस फैसले में नाबालिग लड़की के निजी अंगों को छूने, उसके प्राइवेट पार्ट को नाखून से दबाने और शारीरिक उत्पीड़न को दुष्कर्म या दुष्कर्म का प्रयास न मानने का विवादित तर्क दिया गया था।
एक दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से किया था इनकार
हालांकि, मंगलवार को जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस प्रसन्ना बी वाराले की पीठ ने इस मामले पर तुरंत सुनवाई से इनकार कर दिया था। लेकिन अब जस्टिस बोआर गवई की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय बेंच बुधवार को इस याचिका पर सुनवाई करेगी।
हाईकोर्ट का विवादित फैसला
- आरोपियों के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था।
- हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि पीड़िता के प्राइवेट पार्ट को छूना या नाखून से दबाना दुष्कर्म की परिभाषा में नहीं आता।
- कोर्ट ने इसे हमले की गंभीर श्रेणी में तो रखा, लेकिन दुष्कर्म के दायरे से बाहर कर दिया।
क्यों बढ़ा विवाद?
हाईकोर्ट का यह फैसला आते ही कानूनी विशेषज्ञों और महिला संगठनों ने इसे गलत करार दिया। कई लोगों का मानना है कि यह पॉक्सो एक्ट और IPC की धाराओं के खिलाफ है और इससे महिलाओं एवं बच्चों की सुरक्षा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
अब क्या होगा?
सुप्रीम कोर्ट इस मामले में आज सुनवाई करेगा और यह तय करेगा कि हाईकोर्ट का फैसला कानूनी रूप से सही था या नहीं। इस मामले में देशभर की नजरें टिकी हुई हैं और उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट इस पर जल्द ही बड़ा निर्णय ले सकता है।
🔔 इस केस से जुड़ी सभी अपडेट्स के लिए हमारी वेबसाइट को फॉलो करें!