प्रधानाध्यापक पर ओटीपी धोखाधड़ी का आरोप, सहायक अध्यापक ने दर्ज कराई रिपोर्ट

प्रधानाध्यापक पर ओटीपी धोखाधड़ी का आरोप, सहायक अध्यापक ने दर्ज कराई रिपोर्ट

गायबखेड़ा, हरदोई – ब्लॉक भरावन के प्राथमिक विद्यालय गायबखेड़ा में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां सहायक अध्यापक ऋचा शुक्ला ने प्रधानाध्यापक हरमेंद्र सिंह पर ओटीपी (OTP) धोखाधड़ी कर पीएफएमएस (Public Financial Management System – PFMS) जारी करने का आरोप लगाया है। इस मामले में पुलिस ने साइबर क्राइम के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।


क्या है पूरा मामला?

सहायक अध्यापक ऋचा शुक्ला ने पुलिस को दी गई तहरीर में बताया कि विद्यालय में मद खर्चों के लिए पीएफएमएस प्रणाली बनाई गई है। इसमें उन्हें डाटा ऑपरेटर और प्रधानाध्यापक को डाटा एडमिन के रूप में अधिकृत किया गया था। इस प्रणाली के तहत, ऋचा शुक्ला का काम भुगतान से पहले पीएफएमएस तैयार करना होता था, जिसे प्रधानाध्यापक आगे बढ़ाते थे। फिर इसका प्रिंट आउट निकालकर अध्यक्ष व प्रधानाध्यापक के हस्ताक्षर से बैंक में जमा किया जाता था।

ऋचा शुक्ला का आरोप है कि 27 सितंबर 2023 को प्रधानाध्यापक हरमेंद्र सिंह ने उन्हें बताया कि उनका मोबाइल खराब हो गया है, इसलिए ओटीपी उनके मोबाइल और ईमेल पर भेजा जाएगा, जिसे वे साझा कर दें। ऋचा ने बिना किसी संदेह के ओटीपी साझा कर दिया, लेकिन इसके बाद प्रधानाध्यापक ने बिना उनकी स्वीकृति के पीएफएमएस जारी कर दिया

WhatsApp Channel Join Now
WhatsApp Group Join Now
Telegram Channel Join Now

सच्चाई का खुलासा कैसे हुआ?

इस घटना के महीनों बाद, 5 मार्च को होने वाली स्कूल प्रबंध समिति की बैठक में ऋचा शुक्ला को इस धोखाधड़ी के बारे में जानकारी मिली। उन्होंने तुरंत पुलिस अधीक्षक से शिकायत की, जिसके बाद इस मामले में साइबर क्राइम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।

प्रभारी निरीक्षक अतरौली मार्कण्डेय सिंह ने बताया कि पुलिस अधीक्षक के आदेश पर प्रधानाध्यापक के खिलाफ जांच शुरू कर दी गई है और मामले की गंभीरता को देखते हुए साइबर विशेषज्ञों की भी मदद ली जा रही है।


इस घटना से क्या सीख मिलती है?

  • ओटीपी साझा करना बेहद खतरनाक हो सकता है, खासकर वित्तीय लेन-देन से जुड़े मामलों में।
  • धोखाधड़ी के मामलों में सतर्क रहना और तुरंत कानूनी कार्रवाई करना जरूरी है।
  • शासकीय संस्थानों में वित्तीय पारदर्शिता बनाए रखने के लिए कड़ी निगरानी होनी चाहिए।

निष्कर्ष

यह मामला एक गंभीर साइबर अपराध का उदाहरण है, जिसमें भरोसेमंद अधिकारी द्वारा ही धोखाधड़ी की गई। यदि ऋचा शुक्ला को समय रहते सच्चाई का पता नहीं चलता, तो यह मामला कभी सामने नहीं आता। अब पुलिस की जांच से ही साफ होगा कि प्रधानाध्यापक पर लगे आरोप कितने सही हैं।

विद्यालयों में इस तरह की वित्तीय धांधली को रोकने के लिए सख्त नियम और डिजिटल सुरक्षा उपाय अपनाने की जरूरत है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।


🔹 Keywords: #PFMSFraud #OTPScam #CyberCrime #HardoiNews #EducationScam #SarkariSchool #PFMSScam #FinancialFraud #UPPolice #HardoiEducation

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top