सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश: जस्टिस यशवंत वर्मा का तबादला इलाहाबाद हाईकोर्ट!
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📢 सरकारी बंगले में नकदी मिलने के बाद सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने विवादों में आए दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा को इलाहाबाद हाईकोर्ट में वापस भेजने की सिफारिश की है। केंद्र सरकार जल्द ही इस पर अंतिम निर्णय ले सकती है।
⚖️ क्यों उठाया गया यह कदम?
🔍 सरकारी बंगले में भारी मात्रा में नकदी मिलने के बाद जस्टिस वर्मा विवादों में घिर गए।
🔍 सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (CJI) जस्टिस संजीव खन्ना ने उनके खिलाफ जांच के लिए तीन जजों की समिति गठित की।
🔍 दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय ने जस्टिस वर्मा से सभी आवंटित केस वापस ले लिए।
🔍 20 और 24 मार्च को हुई सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की बैठक में उन्हें इलाहाबाद हाईकोर्ट भेजने की सिफारिश की गई।
🚨 हाईकोर्ट बार एसोसिएशन का विरोध, हड़ताल का ऐलान
📢 इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने इस सिफारिश का कड़ा विरोध किया।
📢 बार अध्यक्ष अनिल तिवारी ने कहा कि मंगलवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की जाएगी।
📢 अवध बार एसोसिएशन (लखनऊ पीठ) ने भी विरोध जताया और उड़ीसा हाईकोर्ट के एक अन्य जज के तबादले का भी विरोध किया।
➡️ बार एसोसिएशन की मांगें:
✔️ जस्टिस वर्मा को दिल्ली में ही कड़ी निगरानी में रखा जाए।
✔️ उनके सभी फैसलों की समीक्षा हो।
✔️ उनके खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही शुरू की जाए।
🛑 सुप्रीम कोर्ट में याचिका: जस्टिस वर्मा पर FIR की मांग!
⚖️ तीन वकीलों और एक चार्टर्ड अकाउंटेंट ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर जस्टिस वर्मा के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग की है।
⚖️ याचिका में कहा गया कि भारतीय न्याय संहिता के तहत कई संज्ञेय अपराध हुए हैं, इसलिए केवल आंतरिक जांच पर्याप्त नहीं।
⚖️ याचिकाकर्ताओं ने न्यायाधीशों को आपराधिक अभियोजन से दी गई छूट को भी चुनौती दी है।
🔎 आगे क्या?
📌 सरकार जल्द ही सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश पर फैसला ले सकती है।
📌 अगर ट्रांसफर होता है, तो जस्टिस वर्मा इलाहाबाद हाईकोर्ट में वरिष्ठता में नौवें स्थान पर होंगे।
📌 हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की हड़ताल से न्यायिक कार्य प्रभावित हो सकता है।
📌 यदि FIR दर्ज होती है, तो यह न्यायपालिका के लिए एक ऐतिहासिक मामला होगा।
🚀 आपकी राय क्या है?
👉 क्या जस्टिस वर्मा का तबादला उचित है, या उन्हें दिल्ली में ही जांच का सामना करना चाहिए?
👉 क्या न्यायपालिका में पारदर्शिता के लिए महाभियोग की प्रक्रिया शुरू होनी चाहिए?
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