आईएएस अभिषेक प्रकाश की संपत्तियों की होगी विजिलेंस जांच – रिश्वतखोरी के आरोप में निलंबन

आईएएस अभिषेक प्रकाश की संपत्तियों की होगी विजिलेंस जांच – रिश्वतखोरी के आरोप में निलंबन

🔍 घूसकांड में बड़ा एक्शन, योगी सरकार ने दिए जांच के आदेश

योगी सरकार ने निलंबित आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश की संपत्तियों की विजिलेंस जांच के आदेश जारी कर दिए हैं। उन पर एसएईएल सोलर पावर कंपनी के प्रोजेक्ट को मंजूरी देने के बदले रिश्वत मांगने का गंभीर आरोप है। सरकार ने गुप्त जांच के बाद ही यह सख्त कदम उठाया है।


📌 मुख्य बिंदु:

आईएएस अभिषेक प्रकाश पर रिश्वत लेने के आरोप।
सोलर प्रोजेक्ट की मंजूरी के लिए मांगी गई थी 5% घूस।
मुख्य सचिव को मिली शिकायत, जांच में दोषी पाए गए।
सरकार ने किया निलंबित, अब संपत्तियों की होगी विजिलेंस जांच।


🚨 रिश्वतखोरी का पूरा मामला

इन्वेस्ट यूपी के सीईओ और अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग के सचिव रहे अभिषेक प्रकाश पर आरोप है कि उन्होंने सोलर प्रोजेक्ट के लिए कंपनी संचालकों से बिचौलिए निकांत जैन के जरिए रिश्वत मांगी थी। निकांत जैन को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।

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सूत्रों के अनुसार, अभिषेक प्रकाश ने कंपनी के प्रतिनिधियों से कहा था कि वे निकांत जैन से संपर्क करें। इसकी शिकायत विश्वजीत दास ने मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह से की। जांच में आरोप सही पाए गए और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर आईएएस अभिषेक प्रकाश को तत्काल निलंबित कर दिया गया।


🏠 संपत्तियों की होगी गहन जांच

योगी सरकार ने अब अभिषेक प्रकाश की सभी संपत्तियों की जांच के आदेश दिए हैं।

✔️ उत्तर प्रदेश ही नहीं, देशभर में होगी संपत्तियों की जांच।
✔️ विजिलेंस टीम उनके बैंक अकाउंट्स और निवेश की करेगी जांच।
✔️ अगर घोटाले से जुड़ी संपत्ति पाई गई, तो कानूनी कार्रवाई तय।


💼 भटगांव जमीन अधिग्रहण घोटाले में भी घिरे थे अभिषेक प्रकाश

यह पहला मामला नहीं है जब अभिषेक प्रकाश पर गंभीर आरोप लगे हैं। लखनऊ के डीएम रहते हुए वे भटगांव जमीन अधिग्रहण घोटाले में भी दोषी ठहराए गए थे। सरकार की जांच रिपोर्ट में उनकी भूमिका संदिग्ध पाई गई थी।


⚖️ योगी सरकार में पहली बार किसी सचिव स्तर के आईएएस की विजिलेंस जांच

👉 योगी सरकार के 8 साल के कार्यकाल में यह पहला मौका है जब किसी सचिव स्तर के आईएएस अधिकारी की विजिलेंस जांच के आदेश दिए गए हैं।
👉 हालांकि, वे दूसरे सचिव स्तर के आईएएस हैं जिन्हें निलंबित किया गया है। इससे पहले, योगी-1 सरकार में चकबंदी आयुक्त शारदा सिंह को निलंबित किया गया था।


🚀 आगे क्या होगा?

✔️ विजिलेंस विभाग जांच करेगा कि घूसखोरी से कितनी संपत्ति बनाई गई।
✔️ अगर दोषी पाए गए, तो उन पर कानूनी कार्रवाई होगी।
✔️ उनके खिलाफ आर्थिक अपराध और भ्रष्टाचार के केस दर्ज हो सकते हैं।


🔎 निष्कर्ष

यह मामला एक बड़े प्रशासनिक घोटाले की ओर इशारा करता है। योगी सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि जांच के नतीजे क्या आते हैं और क्या अभिषेक प्रकाश को कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।


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