स्कूल की मनमानी पड़ी भारी, किताबों के ऊंचे दाम वसूलने पर मान्यता निलंबित
📍 स्थान: हलवाई खाना,
📅 तारीख: 20 मार्च 2025

शहर के हलवाई खाना इलाके में स्थित सानिध्य विद्या निकेतन स्कूल को मनमाने दामों पर किताबें बेचने की साजिश महंगी पड़ गई। एक गरीब मजदूर ने जब अपने बच्चे की महंगी किताबों की शिकायत कलेक्टर से की, तो तुरंत स्कूल की मान्यता निलंबित कर दी गई।
📚 कैसे सामने आया मामला?
हलवाई खाना निवासी इमदाद अहमद, जो फर्नीचर की दुकान पर मजदूरी करते हैं, अपने बेटे की कक्षा दो की किताबों का बिल लेकर सोमवार को कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव के पास पहुंचे।
👉 इमदाद अहमद ने बताया:
- स्कूल प्रबंधन ने किताबें खरीदने के लिए सुविधा बुक स्टोर का नाम दिया।
- यह किताबें किसी अन्य दुकान पर उपलब्ध नहीं थीं।
- 2130 रुपये में किताबें मिलीं, जबकि उनकी कीमत कहीं कम होनी चाहिए थी।
- एनसीईआरटी की एक भी किताब नहीं थी, जो कि सरकारी आदेशों के खिलाफ है।
- जब उन्होंने दुकानदार से मोलभाव करने की कोशिश की, तो उसे मना कर दिया गया।
- कॉपियों के लिए 500 रुपये अलग से मांगे गए, लेकिन पैसे न होने के कारण वे नहीं खरीद सके।
🛑 कलेक्टर का सख्त एक्शन
📞 कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने डीपीसी व्योमेश शर्मा को फोन कर निर्देश दिया कि इस स्कूल की मान्यता तुरंत सस्पेंड की जाए।
📢 डीपीसी ने भी स्कूल को 7 दिन का नोटिस जारी कर मान्यता निलंबित कर दी।
⚠️ पहले भी हो चुकी हैं कार्रवाईयां
📌 हाल ही में सेंट माइकल स्कूल की भी मान्यता निलंबित की गई थी, जब उसने छात्रों को महंगी किताबें खरीदने के लिए बाध्य किया था।
📌 शिक्षा विभाग ने चेतावनी दी है कि अगर कोई भी स्कूल इस तरह की मनमानी करेगा तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
❓ अब आगे क्या?
✅ स्कूल को 7 दिन में स्पष्टीकरण देना होगा, अन्यथा स्थायी रूप से मान्यता समाप्त हो सकती है।
✅ शिक्षा विभाग अन्य स्कूलों की भी जांच कर सकता है, ताकि ऐसे मामलों पर रोक लगाई जा सके।
✅ यदि कोई अभिभावक ऐसे शोषण का शिकार होता है, तो वह शिक्षा विभाग या जिला प्रशासन में शिकायत दर्ज करा सकता है।
📌 आपके विचार?
👉 क्या स्कूलों को किताबों की कीमतें नियंत्रित करने का कोई सख्त नियम लागू करना चाहिए?
👉 क्या इस तरह की शिकायतों के लिए अलग से हेल्पलाइन नंबर जारी किया जाना चाहिए?
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