आरटीई के तहत गरीब बच्चों को दाखिला न देने वाले हाई-प्रोफाइल स्कूलों को नोटिस 🏫📢
📌 निजी स्कूलों को नोटिस, गरीब बच्चों के दाखिले से इनकार नहीं कर सकते
शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE) के तहत गरीब बच्चों के प्रवेश से इनकार करने वाले हाई-प्रोफाइल निजी स्कूलों को शिक्षा विभाग ने नोटिस जारी किया है। विभाग का कहना है कि कोई भी निजी स्कूल आरटीई के तहत चयनित बच्चों को प्रवेश देने से इनकार नहीं कर सकता।
🔹 नोटिस जारी किए गए प्रमुख स्कूल:
✔ गुरुकुल एकेडमी
✔ एमिटी इंटरनेशनल स्कूल
✔ सिटी इंटरनेशनल स्कूल
✔ दशमेश पब्लिक स्कूल
✔ डी मॉस्क स्कूल
✔ सेंट जोसेफ स्कूल
✔ लखनऊ पब्लिक स्कूल
✔ दिल्ली पब्लिक स्कूल
✔ जयपुरिया स्कूल
✔ सिटी मांटेसरी स्कूल की सभी शाखाएं
📌 बीएसए राम प्रवेश ने स्पष्ट किया कि यदि स्कूल 31 मार्च तक प्रवेश नहीं देते हैं, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
🎯 पर्याप्त सीटें, सभी चयनित बच्चों को मिलेगा प्रवेश
👉 इस वर्ष आरटीई के तहत सीटों की संख्या पर्याप्त है, जिससे चयनित सभी बच्चों को प्रवेश मिल सकता है।
👉 चौथे चरण का आवेदन बुधवार को समाप्त हो गया, और 23 मार्च तक सत्यापन की प्रक्रिया चलेगी।
👉 24 मार्च को लॉटरी के माध्यम से स्कूल आवंटन होगा, और अगले दो दिनों में सूची जारी कर दी जाएगी।
📢 अभिभावक अपने बच्चों का स्कूल आवंटन आरटीई पोर्टल पर देख सकते हैं।
📋 स्कूलों में फीस सर्वे और बकाया भुगतान
✅ आरटीई के तहत दाखिला ले चुके बच्चों के सत्यापन की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
✅ अब तक 300 से अधिक स्कूलों का सर्वे किया जा चुका है और 31 मार्च तक यह प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।
✅ शिक्षा विभाग उन स्कूलों का बकाया फीस जल्द भुगतान करेगा, जिन्होंने सही समय पर आवेदन किया है।
📢 निष्कर्ष
👉 शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE) सभी बच्चों को समान अवसर देने के लिए बनाया गया है, और कोई भी निजी स्कूल इसे अनदेखा नहीं कर सकता।
👉 अगर स्कूल नियमों का पालन नहीं करते हैं, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
👉 सरकार की इस सख्ती से गरीब बच्चों को उनका हक मिलेगा और उन्हें भी अच्छी शिक्षा का अवसर मिलेगा।
📌 क्या आपको लगता है कि सभी स्कूलों को आरटीई के नियमों का पालन करना चाहिए? नीचे कमेंट में अपनी राय दें! ⬇️