UPI धोखाधड़ी पर लगेगा ब्रेक? NPCI पुल ट्रांजेक्शन हटाने की कर रहा तैयारी 💳🛑

UPI धोखाधड़ी पर लगेगा ब्रेक? NPCI पुल ट्रांजेक्शन हटाने की कर रहा तैयारी 💳🛑

नई दिल्ली, 19 मार्च 2025डिजिटल पेमेंट में बढ़ती धोखाधड़ी को रोकने के लिए नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने बड़ा कदम उठाने की योजना बनाई है। NPCI UPI में पुल ट्रांजेक्शन को हटाने के लिए बैंकों से चर्चा कर रहा है।

📌 लेकिन सवाल यह है कि पुल ट्रांजेक्शन को हटाने से फायदा होगा या इससे लेनदेन में दिक्कतें आएंगी? आइए जानते हैं विस्तार से।


💰 क्या होता है पुल और पुश ट्रांजेक्शन?

🔹 पुल ट्रांजेक्शन (Pull Transaction) – जब कोई मर्चेंट ग्राहक को भुगतान के लिए रिक्वेस्ट भेजता है, जिसे ग्राहक को अप्रूव करना पड़ता है। अधिकतर धोखाधड़ी इसी के जरिए होती है।

🔹 पुश ट्रांजेक्शन (Push Transaction) – जब ग्राहक क्यूआर कोड स्कैन करके, यूपीआई आईडी डालकर या अन्य माध्यमों से खुद पैसा भेजता है।

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✔️ पुल ट्रांजेक्शन को हटाने से फ्रॉड में कमी आएगी, लेकिन कुछ सही ट्रांजेक्शन भी प्रभावित हो सकते हैं।


📊 UPI और डिजिटल धोखाधड़ी के आंकड़े

🔺 RBI के आंकड़ों के अनुसार:

  • अप्रैल-जून 2024 में डिजिटल पेमेंट और कर्ज से जुड़ी 14,401 शिकायतें दर्ज हुईं।
  • जुलाई-सितंबर 2024 में यह संख्या 12,744 रही।
  • फरवरी 2025 में यूपीआई लेनदेन की संख्या 16 अरब के पार पहुंची, जिसका कुल लेनदेन मूल्य 21 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा।
  • 2024 में यूपीआई ट्रांजेक्शन में 46% की बढ़ोतरी दर्ज हुई।

💡 UPI के बढ़ते उपयोग के साथ डिजिटल फ्रॉड भी तेजी से बढ़ा है, जिससे NPCI को यह कदम उठाने की जरूरत महसूस हुई।


🔎 NPCI और बैंकर्स की राय में टकराव?

✔️ NPCI का तर्क: पुल ट्रांजेक्शन हटाने से फ्रॉड के मामलों में भारी कमी आ सकती है।

कुछ बैंकर्स की चिंता:

  • पुल ट्रांजेक्शन हटाने से सही लेनदेन भी प्रभावित हो सकते हैं।
  • ऑटो-डेबिट और सब्सक्रिप्शन आधारित पेमेंट में दिक्कतें आ सकती हैं।
  • UPI की दक्षता और उपयोगिता कम हो सकती है।

📌 फिलहाल NPCI इस पर बैंकों से बातचीत कर रहा है और कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है।


🛡️ डिजिटल फ्रॉड से बचने के लिए क्या करें?

अनजान पेमेंट रिक्वेस्ट को मंजूरी न दें।
केवल विश्वसनीय क्यूआर कोड और यूपीआई आईडी का इस्तेमाल करें।
किसी से भी अपनी यूपीआई पिन साझा न करें।
UPI ऐप्स की नोटिफिकेशन और ट्रांजेक्शन अलर्ट को हमेशा चेक करें।
अगर संदेह हो तो तुरंत बैंक या साइबर हेल्पलाइन से संपर्क करें।


🚀 आगे क्या होगा?

📌 NPCI और बैंक इस फैसले पर चर्चा कर रहे हैं।
📌 अगर पुल ट्रांजेक्शन हटता है, तो UPI में बड़ा बदलाव होगा।
📌 बैंक और ग्राहक दोनों को नए बदलावों के लिए तैयार रहना होगा।

📢 क्या NPCI का यह फैसला सही है? क्या इससे धोखाधड़ी रुकेगी या लेनदेन में परेशानी बढ़ेगी? अपने विचार कमेंट में बताएं! 🗣️


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