राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मातृभाषा की महत्ता पर दिया जोर 🏫📖
✅ कक्षा 5 तक की शिक्षा मातृभाषा में होनी चाहिए – राज्यपाल
✅ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मातृभाषा में ही संबोधन देते हैं
✅ शासन की योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन पर अधिकारियों को दी नसीहत
📌 मातृभाषा के प्रचार-प्रसार पर बल
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मातृभाषा को संपूर्ण विश्व में पहचान दिलाने के लिए सभी के सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि—
👉 कक्षा 5 तक की शिक्षा मातृभाषा में होनी चाहिए, उसके बाद अंग्रेजी माध्यम अपनाया जा सकता है।
👉 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब भी किसी अंतरराष्ट्रीय मंच पर बोलते हैं, वह मातृभाषा में ही संवाद करते हैं।
👉 दूसरे देशों के नेता भी उन्हें ध्यानपूर्वक सुनते हैं, जिससे यह साबित होता है कि मातृभाषा भी सशक्त माध्यम हो सकती है।
🎤 महराजगंज में सरकारी योजनाओं की समीक्षा
राज्यपाल सोमवार को महराजगंज पहुंचीं, जहां उन्होंने सरकारी योजनाओं की समीक्षा की और लाभार्थियों को प्रमाणपत्र एवं किट वितरित किए।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि—
✔️ शासन की योजनाओं को तेजी से लागू किया जाए।
✔️ जनता तक सीधा लाभ पहुंचाने में कोई देरी न हो।
✔️ प्रशासनिक जिम्मेदारियों को अधिकारी गंभीरता से निभाएं।
📚 सिद्धार्थ विश्वविद्यालय में प्रेरणादायक संबोधन
इसके बाद राज्यपाल सिद्धार्थनगर के सिद्धार्थ विश्वविद्यालय पहुंचीं और वहां उपस्थित विद्यार्थियों एवं शिक्षकों को संबोधित किया।
उन्होंने कहा कि—
🟢 बाल मनोविज्ञान को समझना आवश्यक है, जिससे बच्चों की शिक्षा और मानसिक विकास को बेहतर बनाया जा सके।
🟢 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को बच्चों के शारीरिक विकास और संरचना की जानकारी होनी चाहिए।
🟢 शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए मातृभाषा को प्राथमिकता देना जरूरी है।
🔍 निष्कर्ष
📌 राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मातृभाषा को शिक्षा का आधार बनाने पर जोर दिया।
📌 सरकारी योजनाओं के सुचारु क्रियान्वयन के लिए अधिकारियों को जवाबदेह बनाने की आवश्यकता बताई।
📌 बच्चों की शिक्षा और उनके मानसिक विकास में बाल मनोविज्ञान की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया।
🌍 मातृभाषा का सम्मान करें, इसे अपनाएं और आगे बढ़ाएं! 🚀
📢 क्या आप भी मानते हैं कि शिक्षा मातृभाषा में होनी चाहिए? कमेंट में अपनी राय दें! 💬
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