परिषदीय स्कूलों की पहचान बनेगी औषधीय पौधों की आरोग्य वाटिका

परिषदीय स्कूलों की पहचान बनेगी औषधीय पौधों की आरोग्य वाटिका

स्कूलों में शिक्षा के साथ सेहतमंद जीवन की सीख

बलरामपुर। अब परिषदीय विद्यालयों में शिक्षा के साथ-साथ छात्रों को स्वस्थ रहने के टिप्स भी दिए जाएंगे। इसके लिए स्कूलों में “आरोग्य वाटिका” विकसित की जाएगी, जिसमें विभिन्न औषधीय पौधे लगाए जाएंगे। इन पौधों से न केवल स्कूल परिसर का वातावरण स्वच्छ और सुगंधित रहेगा, बल्कि छात्रों को औषधीय पौधों के स्वास्थ्य लाभों के बारे में भी जानकारी मिलेगी।

30 लाख रुपये की लागत से बनेगी आरोग्य वाटिका

बेसिक शिक्षा विभाग ने जिले के 1164 स्कूलों में आरोग्य वाटिका विकसित करने के लिए 30.34 लाख रुपये खर्च करने की योजना बनाई है।

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  • प्राथमिक विद्यालयों में औषधीय वाटिका के लिए 17.46 लाख रुपये
  • उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 12.88 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे।
  • हर प्राथमिक विद्यालय को 1500 रुपये और
  • उच्च प्राथमिक विद्यालय को 2000 रुपये की राशि दी जाएगी।

छात्रों को मिलेगी आयुर्वेद की जानकारी

आरोग्य वाटिका के माध्यम से छात्रों को आयुर्वेद के प्राकृतिक नुस्खों के बारे में जानकारी दी जाएगी, जिससे वे स्वस्थ जीवनशैली अपना सकें। साथ ही, इस पहल से स्कूलों और समुदाय में औषधीय पौधों के प्रति जागरूकता भी बढ़ेगी।

शासन से निर्देश, स्कूलों में तेजी से हो रहा क्रियान्वयन

बेसिक शिक्षा अधिकारी शुभम शुक्ला के अनुसार, प्रधानाध्यापकों को औषधीय पौधे लगाने के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए खंड शिक्षा अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है।

यह योजना **पर्यावरण संरक्षण और स्वास्थ्य को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम** है। औषधीय पौधों की यह वाटिका न केवल बच्चों के लिए शिक्षाप्रद होगी, बल्कि वे स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए भी प्रेरित होंगे।

औषधीय पौधों के लाभ

विद्यालयों में तुलसी, गिलोय, एलोवेरा, अश्वगंधा, नीम, हल्दी, ब्राह्मी, आंवला जैसे औषधीय पौधे लगाए जाएंगे, जो विभिन्न बीमारियों से बचाव में सहायक होंगे। इन पौधों के उपयोग से बच्चों को रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के प्राकृतिक उपायों की जानकारी मिलेगी।

समुदाय में जागरूकता भी होगी बढ़ेगी

बेसिक शिक्षा विभाग के इस कदम से न केवल बच्चों बल्कि अभिभावकों और समुदाय के अन्य लोगों को भी औषधीय पौधों की उपयोगिता और स्वास्थ्य लाभों के बारे में जानकारी मिलेगी। यह पहल पर्यावरण संरक्षण और पारंपरिक चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भी की जा रही है।

निष्कर्ष

आरोग्य वाटिका की यह पहल परिषदीय विद्यालयों की पहचान बनेगी और बच्चों को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रखने में मदद करेगी। इसके माध्यम से वे प्राकृतिक औषधियों के महत्व को समझेंगे और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाएंगे।

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