ग्लोबल वार्मिंग से जंगलों में आग की घटनाएं बढ़ेंगी, लाखों लोगों की जान को खतरा
जापान में जंगलों में लगी भीषण आग, सैकड़ों लोग बेघर
जापान के पूर्वोत्तर तटीय क्षेत्र में जंगलों में लगी आग ने तबाही मचा दी है। अग्निशमन एवं आपदा प्रबंधन एजेंसी के अनुसार, अब तक 5,190 एकड़ जंगल जल चुका है। इस आग की वजह से दर्जनों मकान जल गए और सैकड़ों लोग बेघर हो गए। इससे पहले, जनवरी में अमेरिका के लॉस एंजिल्स में भीषण जंगल की आग ने 28 लोगों की जान ले ली थी और 10,000 से अधिक घर नष्ट कर दिए थे।
ग्लोबल वार्मिंग और जंगल की आग का गहरा संबंध
ऑस्ट्रेलिया और अंतरराष्ट्रीय शोधकर्ताओं के अनुसार, अगर धरती का तापमान इसी तरह बढ़ता रहा, तो इस सदी के अंत तक आग की घटनाओं से 3,35,000 लोगों की मौत होगी। यह अध्ययन चीन की हेफेई यूनिवर्सिटी और चार्ल्स डार्विन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने किया है।
शोधकर्ताओं ने अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, चीन समेत 20 देशों के 2,800 से अधिक शहरों के डेटा का विश्लेषण किया। इन शहरों में दुनिया की करीब 20% आबादी रहती है।
शोध के प्रमुख निष्कर्ष:
✔ ग्लोबल वार्मिंग के कारण जंगलों में आग लगने की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं।
✔ वर्तमान में हर साल 50,000 लोगों की मौत और 1,70,000 लोग घायल होते हैं।
✔ यदि ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन ऐसे ही जारी रहा, तो 2100 तक यह आंकड़ा 3,35,000 मौतों और 11 लाख घायलों तक पहुंच सकता है।
✔ तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस से नीचे रखने से आग की घटनाओं से होने वाली मौतों का आंकड़ा आधा हो सकता है।
✔ यदि तापमान 1°C भी बढ़ता है, तो वाहनों में आग की घटनाएं 3.3% और लैंडफिल में आग की घटनाएं 6.9% तक बढ़ जाएंगी।
क्या है जंगल में आग का कारण?
शोधकर्ताओं ने ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन को आग का प्रमुख कारण बताया है। जब तापमान बढ़ता है, तो जंगलों में नमी कम हो जाती है, जिससे वहां सूखी लकड़ी और पत्तियां तेजी से आग पकड़ लेती हैं। इसके अलावा, मानव गतिविधियां जैसे अवैध कटाई, जलते सिगरेट के टुकड़े फेंकना, और बिजली गिरना भी आग लगने की घटनाओं को बढ़ाते हैं।
क्या हो सकते हैं समाधान?
✅ ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करना – कोयला और पेट्रोलियम जैसे ईंधनों के उपयोग को सीमित करके।
✅ वन संरक्षण और पुनर्वनीकरण को बढ़ावा देना – ज्यादा पेड़ लगाने से जंगलों में नमी बनी रहेगी।
✅ सतर्कता और त्वरित अग्नि प्रबंधन – जंगलों में आग लगने के शुरुआती संकेतों पर तुरंत नियंत्रण किया जाए।
✅ कार्बन फुटप्रिंट को कम करना – ज्यादा से ज्यादा सौर और पवन ऊर्जा का उपयोग करना।
✅ नए तकनीकी उपाय अपनाना – ड्रोन और सैटेलाइट के जरिए आग की निगरानी करना।
निष्कर्ष
यदि ग्लोबल वार्मिंग को नियंत्रित नहीं किया गया, तो जंगलों की आग से होने वाली तबाही कई गुना बढ़ जाएगी। जापान और अमेरिका जैसी आग की घटनाएं अब पूरी दुनिया में सामान्य होती जा रही हैं। यह सिर्फ पर्यावरण का ही नहीं, बल्कि मानव जीवन का भी बड़ा संकट है। हमें जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए तुरंत ठोस कदम उठाने होंगे, ताकि आने वाली पीढ़ियों को एक सुरक्षित और हरा-भरा भविष्य मिल सके।