फतेहपुर: रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया शिक्षक, बीईओ पर भी केस दर्ज
फतेहपुर, संवाददाता।
शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार का बड़ा मामला सामने आया है। ऐरायां ब्लॉक के कुटीपर प्राथमिक विद्यालय में तैनात सहायक अध्यापक संदीप गुप्ता को विजिलेंस टीम ने 20 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। यह रिश्वत खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) के लिए ली जा रही थी। विजिलेंस टीम ने संदीप गुप्ता और बीईओ कुंअर कमल सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
कैसे हुआ खुलासा?
ऐरायां ब्लॉक के कम्पोजिट विद्यालय चमर पुरवा के इंचार्ज प्रधानाध्यापक पवन गुप्ता बीते दिनों स्कूल से अनुपस्थित थे। निरीक्षण के दौरान बीईओ कुंअर कमल सिंह ने इसकी रिपोर्ट तैयार की और कार्रवाई रोकने के एवज में 20 हजार की रिश्वत की मांग की। यह रकम सहायक अध्यापक संदीप गुप्ता के माध्यम से मांगी गई थी।
पवन गुप्ता ने इस मामले की शिकायत 24 फरवरी को विजिलेंस विभाग से की। विजिलेंस टीम ने जांच शुरू की और शुक्रवार को फतेहपुर के खागा में फायर स्टेशन के सामने एक होटल में पवन गुप्ता को रिश्वत देने के लिए बुलाया गया। जैसे ही रकम सौंपी गई, विजिलेंस टीम ने मौके पर पहुंचकर संदीप गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया।
बीईओ का ‘कारखास’ था संदीप गुप्ता
सूत्रों के अनुसार, संदीप गुप्ता पिछले पांच सालों से बीईओ के बेहद करीबी था और वह शिक्षकों से उगाही कराने में माहिर था। बीईओ कोई भी रहा हो, संदीप सभी का चहेता और विश्वासपात्र बना रहा। हालांकि, उसकी तैनाती कागजों में कुटीपर प्राथमिक विद्यालय में थी, लेकिन वास्तव में वह बीआरसी ऐरायां में संबद्ध था।
बीआरसी का असली संचालक था संदीप
विभागीय नियमों के अनुसार, बीआरसी में लेखाकार, बाबू एवं अन्य कर्मचारियों की तैनाती होती है, लेकिन सिक्का केवल संदीप का ही चलता था। विभागीय व्हाट्सएप ग्रुपों में भी बीईओ की तरफ से अधिकतर संदीप ही संदेश भेजता था, जिससे अन्य शिक्षकों में काफी रोष था।
शिक्षकों का करता था शोषण
संदीप गुप्ता का काम सिर्फ बीईओ के आदेशों का पालन करना नहीं था, बल्कि वह शिक्षकों को भी शोषण का शिकार बनाता था।
- गैर जनपदों से आए शिक्षकों की सूची बीईओ को देता और उन्हें टारगेट करता।
- थोड़ी भी देरी पर शिक्षकों से दूसली (उगाही) की जाती।
- जिनसे उगाही की उम्मीद होती, उनकी गैरहाजिरी पोर्टल पर नहीं डाली जाती।
- संदीप बीईओ के लिए खाने-पीने, आवास और अन्य सुविधाओं का इंतजाम करता था।
शिक्षा विभाग में फैले भ्रष्टाचार का खुलासा
इस गिरफ्तारी ने शिक्षा विभाग में फैले भ्रष्टाचार की पोल खोल दी है। अधिकारियों और उनके खास शिक्षकों के गठजोड़ के कारण ईमानदार शिक्षक लगातार शोषण का शिकार हो रहे हैं।
ऐसे कई ‘कारखास’ संदीप विभिन्न ब्लॉकों में सक्रिय हैं जो कभी अपने स्कूल नहीं जाते। इनका असली काम अधिकारियों के लिए धन उगाही और सिस्टम को मैनेज करना है।
इस कार्रवाई से शिक्षा विभाग के भीतर की कालिख उजागर हो गई है। अब देखना होगा कि इस मामले में आगे और कौन-कौन बेनकाब होते हैं।