383 इंटर कॉलेजों को मिले स्थायी प्रधानाचार्य – शिक्षकों की पदोन्नति से शिक्षा व्यवस्था होगी मजबूत
📍 माध्यमिक शिक्षा विभाग का बड़ा फैसला, प्रधानाचार्यों को तत्काल कार्यभार संभालने के निर्देश
उत्तर प्रदेश के माध्यमिक शिक्षा विभाग में लंबे समय से प्रधानाचार्यों की कमी से जूझ रहे 383 राजकीय इंटर कॉलेजों को आखिरकार स्थायी प्रधानाचार्य मिल गए हैं। 292 बालिका राजकीय इंटर कॉलेज समेत इन विद्यालयों में अब तक प्रभारी शिक्षकों के माध्यम से कामकाज चलाया जा रहा था। विभाग ने इन नव-नियुक्त प्रधानाचार्यों को तत्काल कार्यभार ग्रहण करने के निर्देश दिए हैं।
📌 पदोन्नति प्रक्रिया और विद्यालय आवंटन
शिक्षा विभाग ने हाल ही में इंटर कॉलेजों के लेक्चरर और असिस्टेंट टीचरों को प्रधानाचार्य पद पर पदोन्नति दी है। अब इन 383 शिक्षकों को अलग-अलग विद्यालय आवंटित किए गए हैं।
👉 91 विद्यालय पुरुष शाखा के हैं, जबकि
👉 292 विद्यालय महिला शाखा के हैं।
इन सभी प्रधानाचार्यों को 30 दिनों के भीतर कार्यभार ग्रहण करने के आदेश दिए गए हैं। जो शिक्षक पदोन्नति स्वीकार नहीं करना चाहते, उन्हें इसकी लिखित सूचना शिक्षा निदेशालय को देनी होगी।
⚖ वरिष्ठ शिक्षकों के लिए लाभकारी – सेवानिवृत्त शिक्षकों को मिलेगा वेतनवृद्धि और पेंशन लाभ
विशेष रूप से 53 शिक्षक ऐसे हैं जो 31 मार्च को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इन शिक्षकों को एक वेतनवृद्धि का लाभ मिलेगा, जिससे उनकी पेंशन भी बढ़ जाएगी।
राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष रामेश्वर प्रसाद पांडेय ने इस फैसले का स्वागत किया लेकिन कुछ विसंगतियों पर सवाल भी उठाए।
🚗 150 किमी दूर तैनाती पर नाराजगी
शिक्षक संघ का आरोप है कि कई शिक्षकों को उनके गृह जनपद से 150 किलोमीटर दूर तैनात किया गया है। वहीं, कुछ प्रधानाचार्य ऐसे भी हैं, जो एक ही विद्यालय में 8-8 साल से जमे हुए हैं।
संघ ने मांग की है कि सेवानिवृत्ति के करीब शिक्षकों को उनके गृह जिले में तैनाती दी जाए, ताकि वे परिवार के करीब रहकर अपने शेष कार्यकाल को सुचारू रूप से पूरा कर सकें।
🎯 शिक्षा व्यवस्था में सुधार की उम्मीद
इस फैसले से राजकीय इंटर कॉलेजों में शैक्षणिक और प्रशासनिक गतिविधियों में सुधार आने की उम्मीद है। अब तक जहां प्रभारी प्रधानाचार्य व्यवस्था संभाल रहे थे, वहीं अब स्थायी प्रधानाचार्यों के आने से विद्यालयों में अनुशासन और शिक्षण की गुणवत्ता बेहतर होगी।
💡 आपकी राय क्या है?
➡ क्या शिक्षकों की 150 किमी दूर तैनाती उचित है?
➡ क्या सेवानिवृत्त होने वाले शिक्षकों को गृह जनपद में ही तैनाती मिलनी चाहिए?
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