शिक्षकों के संयुक्त मोर्चा ने मुख्यमंत्री को भेजा पत्र, मानदेय बढ़ाने की मांग
उत्तर प्रदेश में परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों, शिक्षामित्रों, अनुदेशकों और रसोइयों के लिए मानदेय बढ़ाने की मांग तेज हो गई है। शिक्षकों के संयुक्त मोर्चा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजकर इन सभी कर्मियों के वेतन में वृद्धि और समय पर भुगतान सुनिश्चित करने की मांग की है।
📌 शिक्षकों और कर्मियों की प्रमुख मांगें
✔️ रसोइयों, शिक्षामित्रों, अनुदेशकों और कस्तूरबा गांधी विद्यालय के शिक्षकों का मानदेय बढ़ाया जाए।
✔️ वेतन समय पर दिया जाए, क्योंकि भुगतान में देरी के कारण उन्हें आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
✔️ परिषदीय विद्यालयों में सत्र की शुरुआत में ही कंपोजिट ग्रांट जारी की जाए, ताकि शिक्षक जरूरत के अनुसार इसका सदुपयोग कर सकें।
📢 शिक्षकों और संगठन के प्रमुख नेताओं का बयान
🔹 संयुक्त मोर्चा के प्रांतीय सचिव दिलीप चौहान ने कहा कि अल्प मानदेय पर काम करने वाले कर्मियों के लिए परिवार चलाना मुश्किल हो रहा है।
🔹 कस्तूरबा गांधी विद्यालय संघ की प्रदेश अध्यक्ष सैय्यद यास्मीन ने कहा कि इन कर्मियों को वेतन समय पर नहीं मिलता, जिससे उन्हें आर्थिक संकट का सामना करना पड़ता है।
🔹 विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष संतोष तिवारी ने कहा कि कंपोजिट ग्रांट समय पर जारी होनी चाहिए, जिससे शिक्षकों को संसाधनों की कमी का सामना न करना पड़े।
📌 क्यों जरूरी है मानदेय में बढ़ोतरी?
✔️ बढ़ती महंगाई के कारण मौजूदा मानदेय अपर्याप्त हो चुका है।
✔️ समय पर वेतन न मिलने से शिक्षकों और कर्मियों को कर्ज लेना पड़ता है।
✔️ विद्यालयों में शिक्षण कार्य और अन्य गतिविधियों को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए पर्याप्त संसाधन आवश्यक हैं।
🎯 क्या सरकार मानदेय बढ़ाने पर विचार करेगी?
➡️ शिक्षकों और कर्मियों की इस मांग पर अब सरकार की प्रतिक्रिया का इंतजार है।
➡️ यदि सरकार इन मांगों को स्वीकार करती है, तो लाखों शिक्षकों और कर्मियों को राहत मिलेगी।
➡️ क्या आपको लगता है कि सरकार को मानदेय बढ़ाना चाहिए? अपनी राय कमेंट में दें! 💬
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