प्राथमिक विद्यालय धनराजपुर में शिक्षा और प्रशासन की गुणवत्ता को लेकर काफी ध्यान दिया जा रहा है।
निरीक्षण की मुख्य बातें:
✅ सभी शिक्षक उपस्थित पाए गए।
✅ विद्यालय परिसर स्वच्छ और व्यवस्थित था।
✅ टीएलएम (शैक्षिक सहायक सामग्री) से कक्षाएँ सजाई गई थीं।
✅ छात्रों की उपस्थिति 136/173 (करीब 79%) रही।
✅ डीएलएड प्रशिक्षुओं ने विद्यालय को ‘निपुण विद्यालय’ घोषित किया।
✅ एनसीईआरटी की टीम ने भी शैक्षिक गुणवत्ता की जांच की और संतोष व्यक्त किया।
✅ बीएसए (बेसिक शिक्षा अधिकारी) ने पूरे स्टाफ को प्रशस्ति पत्र प्रदान किया।
शिक्षा में सुधार की दिशा में यह क्यों महत्वपूर्ण है?
✔️ छात्रों की यूनिफॉर्म में उपस्थिति – अनुशासन और समर्पण को दर्शाता है।
✔️ टीएलएम का उपयोग – बच्चों को सृजनात्मक और व्यावहारिक तरीके से पढ़ाने में मदद करता है।
✔️ निपुण विद्यालय घोषित होना – यह संकेत देता है कि यहाँ निपुण भारत मिशन के तहत बच्चों की बुनियादी पढ़ाई और गणितीय दक्षता को बढ़ाने का प्रयास किया गया है।
✔️ शिक्षकों को सम्मान – इससे उनके मनोबल में वृद्धि होगी और वे और अधिक लगन से कार्य करेंगे।
आगे क्या किया जा सकता है?
1️⃣ छात्र उपस्थिति बढ़ाने के प्रयास किए जाएँ।
2️⃣ एनसीईआरटी के सुझावों को लागू किया जाए ताकि शैक्षिक स्तर और सुधर सके।
3️⃣ अन्य विद्यालयों को भी इस तरह के निरीक्षण और प्रोत्साहन का लाभ मिले।
आपका क्या विचार है?
क्या अन्य सरकारी स्कूलों में भी इसी तरह की निरीक्षण व्यवस्था और प्रेरणादायक कदम उठाने चाहिए?