69,000 शिक्षक भर्ती मामला: 4 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, अभ्यर्थियों का फिर धरना
उत्तर प्रदेश की 69,000 शिक्षक भर्ती का मामला एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है। आगामी 4 मार्च को इस मामले की सुनवाई प्रस्तावित है, जिसमें अभ्यर्थी सरकार से ठोस पैरवी की उम्मीद कर रहे हैं। वहीं, न्याय की मांग को लेकर अभ्यर्थी 1 मार्च से लखनऊ में दोबारा धरना शुरू करने जा रहे हैं।
राहुल गांधी से मिले अभ्यर्थी, संसद में उठाने की मांग
हाल ही में रायबरेली दौरे पर आए लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से भी अभ्यर्थियों ने मुलाकात की और इस मामले को संसद में उठाने का आग्रह किया।
- राहुल गांधी ने अभ्यर्थियों को न्याय दिलाने का भरोसा दिया।
- अभ्यर्थी धनंजय गुप्ता ने आरोप लगाया कि सरकार ने जानबूझकर इस मामले को सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचाया।
- उन्होंने कहा कि सुनवाई की तिथि तय हो जाती है, लेकिन सरकार के अधिवक्ता कोर्ट में उपस्थित नहीं होते, जिससे मामला लंबित बना रहता है।
क्या है 69,000 शिक्षक भर्ती विवाद?
उत्तर प्रदेश में 69,000 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया 2019 में शुरू हुई थी, लेकिन कटऑफ अंक और आरक्षण को लेकर कई विवाद सामने आए।
- भर्ती प्रक्रिया में कटऑफ बढ़ाने को लेकर अभ्यर्थियों ने आपत्ति जताई थी।
- आरक्षण में गड़बड़ी के आरोप भी लगे, जिसके बाद मामला कोर्ट में चला गया।
- कई बार हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो चुकी है, लेकिन अब तक अंतिम निर्णय नहीं आया।
अब आगे क्या?
4 मार्च की सुनवाई इस भर्ती प्रक्रिया के लिए अहम साबित हो सकती है। यदि सरकार की ओर से मजबूत पैरवी होती है, तो मामला जल्द निपट सकता है। वहीं, अभ्यर्थी लगातार धरना-प्रदर्शन कर सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं। अब देखने वाली बात होगी कि कोर्ट का अगला फैसला इस भर्ती प्रक्रिया को किस दिशा में ले जाता है।