माध्यमिक स्कूलों में विद्यार्थियों की अभिरुचि के अनुसार व्यावसायिक शिक्षा
सरकार अगले शैक्षिक सत्र से प्रदेश के 1100 माध्यमिक विद्यालयों में विद्यार्थियों की रुचि के अनुसार व्यावसायिक शिक्षा का कोर्स शुरू करने जा रही है। इसके लिए स्कूलवार सर्वेक्षण किया जाएगा, जिससे विद्यार्थियों को उनकी पसंद के व्यावसायिक विषयों की शिक्षा दी जा सके। “प्रवीण योजना” के तहत इस नई व्यवस्था को लागू किया जा रहा है।
क्या है नई योजना?
✅ व्यावसायिक शिक्षा को नए सिरे से लागू किया जाएगा।
✅ विद्यार्थियों की अभिरुचि के अनुसार कोर्स तय होंगे।
✅ स्कूलों में सर्वेक्षण कर रुचि अनुसार ट्रेड का चयन किया जाएगा।
✅ ऑनलाइन व अन्य माध्यमों से भी शिक्षा उपलब्ध कराई जाएगी।
किन विद्यालयों में लागू होगी योजना?
▶ 1100 माध्यमिक विद्यालयों में नए कोर्स शुरू होंगे।
▶ समग्र शिक्षा के तहत पहले से ही 853 स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षा संचालित हो रही है।
▶ 892 सहायता प्राप्त एवं राजकीय स्कूलों में पुरानी योजना के तहत कोर्स पहले से उपलब्ध हैं।
▶ स्कूलों की स्थिति:
- राजकीय माध्यमिक स्कूल: 2,389
- सहायता प्राप्त माध्यमिक स्कूल: 4,512
- वित्त विहीन माध्यमिक विद्यालय: 30,998
ये विषय होंगे शामिल
1️⃣ तकनीकी और इंजीनियरिंग
- ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग
- आईटी और आईटीईएस
- इलेक्ट्रिकल वर्क
- इलेक्ट्रॉनिक्स और हार्डवेयर
- रेडियो और टेलीविजन टेक्नोलॉजी
2️⃣ कृषि और निर्माण क्षेत्र
- एग्रीकल्चर
- कंस्ट्रक्शन
- सोलर सिस्टम इंस्टॉलेशन
- प्लंबिंग
3️⃣ उद्यमिता और व्यापार
- रिटेल
- सिक्योरिटी
- डिजिटल मार्केटिंग
- टेक्सटाइल डिजाइन
- गारमेंट डिजाइन और डेकोरेशन
4️⃣ स्वास्थ्य और खेल-कूद
- हेल्थ केयर
- स्पोर्ट्स और फिजिकल एजुकेशन
5️⃣ अन्य प्रमुख ट्रेड
- मोबाइल रिपेयरिंग
- टेलीकम्यूनिकेशन
- फोटोग्राफी
- ट्रांसपोर्टेशन और लॉजिस्टिक्स
- वेयरहाउस मैनेजमेंट
नई योजना से क्या होगा फायदा?
✔ विद्यार्थी 10वीं या 12वीं के बाद आत्मनिर्भर बन सकेंगे।
✔ रोजगार और उद्यमिता के नए अवसर मिलेंगे।
✔ स्कूल स्तर पर ही व्यावसायिक प्रशिक्षण मिलेगा।
✔ ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से सुविधाजनक लर्निंग।
✔ प्रदेश में व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा।
निष्कर्ष
इस नई योजना का उद्देश्य माध्यमिक विद्यालयों के विद्यार्थियों को भविष्य के लिए तैयार करना है। व्यावसायिक शिक्षा से वे शैक्षिक योग्यता के साथ-साथ व्यावसायिक कौशल भी हासिल करेंगे, जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलेगा।