सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर के लिए नया कानून: सरकार जल्द लाएगी सख्त नियम

सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर के लिए नया कानून: सरकार जल्द लाएगी सख्त नियम

नई दिल्ली। केंद्र सरकार सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर्स के लिए अलग से कानून बनाने पर विचार कर रही है। यह कदम हाल ही में हुए “इंडिया गॉट टैलेंट” विवाद के बाद उठाया गया है। इस कानून के लागू होने के बाद इन्फ्लूएंसर्स को किसी भी कंटेंट को अपलोड करने से पहले सरकार द्वारा तय नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा।

इस नए कानून का उद्देश्य सोशल मीडिया पर फैल रही भ्रामक जानकारी, आपत्तिजनक कंटेंट और गैर-जिम्मेदाराना गतिविधियों पर लगाम लगाना है। इससे सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर्स और कंपनियों की जवाबदेही भी बढ़ेगी।

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कानून के दायरे में आएंगे 50 लाख इन्फ्लूएंसर

इस कानून के तहत भारत में सक्रिय लगभग 40 से 50 लाख सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर्स को रेगुलेट किया जाएगा। वर्तमान में, सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर्स पर कोई स्पष्ट कानून नहीं है, लेकिन नए नियम लागू होने के बाद उन्हें अपनी सामग्री के लिए जिम्मेदार ठहराया जाएगा।


नए कानून के संभावित प्रावधान

  1. कंटेंट रेटिंग अनिवार्य होगी:
    • इन्फ्लूएंसर को अपने वीडियो और कंटेंट को उम्र के आधार पर रेटिंग देनी होगी।
    • इससे यूजर्स को यह पता चल सकेगा कि वीडियो में कौन से शब्द और दृश्य शामिल हैं।
  2. डिस्क्लेमर अनिवार्य होगा:
    • कंटेंट के संदर्भ और प्रकृति को स्पष्ट करने के लिए डिस्क्लेमर देना जरूरी होगा।
    • उदाहरण के लिए, यदि कोई प्रमोशनल पोस्ट है, तो इसे #Sponsored या #Ad के रूप में चिह्नित करना होगा।
  3. शिकायतों का तेजी से समाधान:
    • यदि किसी कंटेंट पर शिकायत मिलती है, तो उसे 48 घंटे की बजाय 24 घंटे के भीतर हटाना होगा।
    • सोशल मीडिया कंपनियों को 15 दिनों के भीतर शिकायतों का समाधान देना अनिवार्य होगा।
  4. मौजूदा IT कानूनों का पालन अनिवार्य होगा:
    • नए कानून में सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थ दिशा-निर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम-2021 के प्रावधानों को भी शामिल किया जाएगा।
    • इसके तहत यूजर्स को यह अधिकार मिलेगा कि वे सीधे सोशल मीडिया कंपनी से कंटेंट को हटाने की मांग कर सकें।

सोशल मीडिया पर कंटेंट क्रिएटर्स की जिम्मेदारी बढ़ेगी

नए नियमों से सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर्स और ब्रांड्स की जवाबदेही बढ़ेगी। अक्सर देखा जाता है कि कई इन्फ्लूएंसर्स भ्रामक जानकारी, झूठे दावे, अपमानजनक कंटेंट या आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करते हैं।

इस कानून के आने के बाद:

  • सोशल मीडिया कंटेंट को अधिक पारदर्शी बनाया जाएगा।
  • फेक न्यूज और भ्रामक प्रचार पर रोक लगेगी।
  • यूजर्स को अपने अधिकारों का इस्तेमाल करने का अवसर मिलेगा।

सरकार का रुख और आगे की राह

सरकार इस कानून को जल्द से जल्द लागू करने की योजना बना रही है। इसके लिए IT मंत्रालय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और कंटेंट क्रिएटर्स से सुझाव भी ले सकता है।

विशेषज्ञों की राय में, यह कानून डिजिटल दुनिया में अधिक जवाबदेही और सुरक्षा सुनिश्चित करेगा, लेकिन इसके प्रभावी क्रियान्वयन के लिए संतुलित दृष्टिकोण अपनाना जरूरी होगा।


निष्कर्ष: आने वाले समय में, सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर्स को अपने कंटेंट को लेकर अधिक सतर्क रहना होगा। नए नियमों से सोशल मीडिया पर फेक न्यूज, भ्रामक प्रचार और अनुचित कंटेंट को नियंत्रित किया जा सकेगा। इससे डिजिटल मीडिया अधिक पारदर्शी और जिम्मेदार बनेगा।

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