गुजारा भत्ते की राशि दिलाने में लापरवाही पर कोर्ट ने बहराइच पुलिस को लगाई फटकार
पुलिस की निष्क्रियता पर नाराजगी, कोर्ट ने कहा – “सेवा में रहने लायक नहीं”
बहराइच। पारिवारिक न्यायालय के प्रधान अपर न्यायाधीश द्वितीय कृष्ण कुमार ने महिला को भरण-पोषण भत्ता दिलाने में पुलिस की लापरवाही पर कड़ी नाराजगी जताई है। कोर्ट ने बहराइच पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि जरवल रोड थाने के थानाध्यक्ष और उपनिरीक्षक राणा राज सिंह अपनी ड्यूटी निभाने में अक्षम हैं।
👉 कोर्ट ने साफ कहा कि बहराइच के एसपी को इस मामले में दो बार पत्र भेजा गया, लेकिन थाने से जो रिपोर्ट प्रस्तुत की गई, वह संतोषजनक नहीं है।
क्या है मामला?
✅ जरवल रोड थाना निवासी नफीस को कोर्ट ने पत्नी आफरीन को एक लाख रुपये गुजारा भत्ते के रूप में देने का आदेश दिया था।
✅ नफीस ने अब तक यह रकम नहीं चुकाई, जिसके बाद कोर्ट ने उसकी गिरफ्तारी का वारंट जारी किया था।
✅ लेकिन पुलिस अब तक उसे गिरफ्तार करने में असफल रही।
👉 पुलिस की दलील – उपनिरीक्षक राणा राज सिंह ने 7 अक्तूबर 2024 से लगातार कोर्ट को यही रिपोर्ट दी कि जब भी पुलिस नफीस को पकड़ने जाती है, वह भाग जाता है।
कोर्ट का कड़ा रुख – पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल
▶️ कोर्ट ने एसपी को 4 जनवरी को आदेश दिया था कि संबंधित पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई करें।
▶️ लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई, जिससे एसपी के थानों पर नियंत्रण को लेकर भी सवाल उठ खड़े हुए हैं।
▶️ न्यायालय ने कहा कि यदि पुलिस अपराधियों को पकड़ने में इतनी लापरवाही दिखा रही है, तो यह गंभीर चिंता का विषय है।
👉 अगली सुनवाई 8 मार्च को होगी, जहां पुलिस की कार्यशैली पर फिर से सवाल उठ सकते हैं।
निष्कर्ष
बहराइच में गुजारा भत्ते से जुड़ा यह मामला अब पुलिस की निष्क्रियता की मिसाल बनता जा रहा है। कोर्ट की सख्ती से संभावना है कि दोषी पुलिसकर्मियों पर जल्द ही कार्रवाई हो सकती है। अब देखना यह होगा कि 8 मार्च की सुनवाई में पुलिस इस मामले में क्या स्पष्टीकरण देती है।