🚫 नशा मुक्ति अभियान: साइकोट्रोपिक दवाओं के अवैध उपयोग पर केंद्र सरकार सख्त 🚫
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🔴 डॉक्टर की पर्ची के बिना साइकोट्रोपिक दवाओं की बिक्री पर प्रतिबंध
नशा मुक्ति अभियान के तहत केंद्र सरकार ने साइकोट्रोपिक (मादक) दवाओं के अवैध उपयोग को रोकने के लिए सभी राज्यों को सख्त कदम उठाने का आदेश दिया है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने निर्देश दिया है कि डॉक्टर के नुस्खे के बिना इन दवाओं की बिक्री नहीं होनी चाहिए।
🛑 प्रमुख निर्देश:
✔️ गुणवत्तापूर्ण दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए नियामक मानकों को मजबूत किया जाएगा।
✔️ अवैध तस्करी और नशे के लिए दवाओं के दुरुपयोग को रोकने हेतु सख्त निगरानी होगी।
✔️ दवा निर्माण और परीक्षण फर्मों की जांच में तेजी लाई जाएगी।
📢 सभी राज्यों के दवा नियामकों को आदेश
सभी राज्य औषधि नियामकों के साथ एक बैठक में स्वास्थ्य सचिव ने गुणवत्तापूर्ण और प्रभावी दवाओं के प्रचलन को सुनिश्चित करने पर जोर दिया। इस दौरान निर्देश दिए गए कि केवल डॉक्टर के नुस्खे के आधार पर ही दवाइयों की बिक्री की जाए, ताकि इनका अवैध उपयोग रोका जा सके।
👉 अब तक:
🔹 905 दवा निर्माण और परीक्षण फर्मों की जांच हुई।
🔹 694 के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई।
🚨 दर्द निवारक दवाओं टैपेंटाडोल और कैरीसोप्रोडोल के संयोजन पर प्रतिबंध
ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने घोषणा की है कि टैपेंटाडोल और कैरीसोप्रोडोल के सभी संयोजनों के उत्पादन और निर्यात पर प्रतिबंध लगाया गया है।
🔎 कारण:
➡️ मुंबई की एक फर्म द्वारा इन दवाओं के अस्वीकृत संयोजन पश्चिम अफ्रीकी देशों में निर्यात किए गए।
➡️ इन दवाओं की वजह से वहां ओपिओइड संकट उत्पन्न हो गया था।
📌 सरकार की इस सख्ती से मादक पदार्थों की तस्करी और दुरुपयोग को रोकने में मदद मिलेगी।
🎯 निष्कर्ष
केंद्र सरकार ने नशा मुक्ति अभियान को और प्रभावी बनाने के लिए साइकोट्रोपिक दवाओं की अवैध बिक्री पर कड़ा रुख अपनाया है। अब केवल डॉक्टर की पर्ची के आधार पर ही ये दवाएं उपलब्ध होंगी, जिससे देश में मादक पदार्थों के दुरुपयोग और तस्करी को रोका जा सकेगा।
📢 आपकी राय क्या है? क्या यह कदम मादक पदार्थों की रोकथाम में प्रभावी होगा? नीचे कमेंट में बताएं! ⬇️