प्रतापगढ़: फीस बकाया होने पर प्रवेश पत्र नहीं मिला, 12वीं के छात्र ने की आत्महत्या 😢
📅 प्रतापगढ़ | **यूपी बोर्ड परीक्षा में शामिल होने के लिए प्रवेश पत्र न मिलने पर 12वीं के छात्र शिवम सिंह ने की आत्महत्या**।
**इस मामले में स्कूल प्रबंधक और प्रधानाचार्य के खिलाफ FIR दर्ज, स्कूल की मान्यता होगी रद्द**। 🎓⚖️
📌 क्या है पूरा मामला?
यूपी बोर्ड परीक्षा की तैयारी कर रहे **प्रतापगढ़ के जेठवारा क्षेत्र के शिवम सिंह (12वीं छात्र) को स्कूल ने प्रवेश पत्र देने से इनकार कर दिया**।
**कारण:** स्कूल प्रशासन के अनुसार, शिवम की **5600 रुपये की फीस बकाया थी**।
👉 **छात्र ने कई बार स्कूल जाकर प्रवेश पत्र मांगा, लेकिन उसे अपमानित कर लौटा दिया गया।**
👉 **आखिरी बार 23 फरवरी को जब वह फिर से प्रवेश पत्र लेने गया, तो उसे फिर से भगा दिया गया।**
👉 **आहत होकर, उसी रात शिवम ने घर के पीछे आम के पेड़ से फांसी लगा ली।** 😢💔
🏫 स्कूल प्रबंधन के खिलाफ सख्त कार्रवाई
छात्र की आत्महत्या के बाद **यूपी बोर्ड के सचिव भगवती सिंह के निर्देश पर जिला विद्यालय निरीक्षक (DIOS) ओमकार राणा ने जांच कमेटी गठित की**।
जांच रिपोर्ट में पाया गया कि **साधुरी शिरोमणि इंटर कॉलेज, धनसारी, जेठवारा के प्रबंधक ऋषभ त्रिपाठी और प्रधानाचार्य कृष्णमूर्ति त्रिपाठी ने प्रवेश पत्र नहीं दिया**।
⚖️ FIR दर्ज और स्कूल की मान्यता रद्द
👉 **दोनों के खिलाफ जेठवारा थाने में FIR दर्ज कराई गई है।**
👉 **यूपी बोर्ड ने स्कूल की मान्यता रद्द करने का फैसला किया है।**
👉 **विद्यालय प्रशासन द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के साथ अमानवीय व्यवहार की कड़ी निंदा की गई।**
📜 पीड़ित परिवार का बयान
शिवम के पिता **राजेंद्र सिंह**, जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं, ने पुलिस को दी गई तहरीर में बताया:
“मेरा बेटा **पिछले चार दिनों से स्कूल जाकर प्रवेश पत्र मांग रहा था**, लेकिन उसे बार-बार लौटाया जा रहा था।
**23 फरवरी को जब वह फिर गया, तो उसे बेइज्जत कर भगा दिया गया**।
**आहत होकर उसने आत्महत्या कर ली**। 😭💔”
📢 शिक्षा विभाग के लिए बड़ा सवाल
👉 **क्या फीस न भरने के कारण किसी छात्र को परीक्षा देने से रोका जा सकता है?**
👉 **क्या स्कूल प्रशासन को छात्रों के साथ ऐसा व्यवहार करने का अधिकार है?**
👉 **क्या यूपी सरकार ऐसे मामलों पर कड़े नियम बनाएगी?**
**यह घटना शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती है और स्कूलों में वित्तीय दबाव के कारण छात्रों पर हो रहे मानसिक उत्पीड़न को उजागर करती है।**
**आखिर शिक्षा का अधिकार सभी के लिए है, फिर किसी छात्र को इस तरह परीक्षा से क्यों वंचित किया गया?**