नौकरीपेशा दंपति नई और पुरानी कर व्यवस्था का दोहरा लाभ उठाएं

नौकरीपेशा दंपति नई और पुरानी कर व्यवस्था का दोहरा लाभ उठाएं

🏡 नौकरीपेशा दंपति नई और पुरानी कर व्यवस्था का दोहरा लाभ उठाएं

👉 बजट 2025 में नई कर व्यवस्था को और सरल बनाते हुए 12 लाख तक की आय को करमुक्त कर दिया गया है। इससे करदाताओं के लिए यह जानना जरूरी हो गया है कि पुरानी कर व्यवस्था उनके लिए फायदेमंद है या नहीं।

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🏠 मकान किराया भत्ता (HRA) और कर बचत

जो लोग किराए के मकान में रहते हैं, उनके लिए पुरानी कर व्यवस्था अभी भी लाभदायक हो सकती है। खासकर नौकरीपेशा विवाहित दंपति अपने वेतन और कर स्लैब के अनुसार एचआरए का रणनीतिक उपयोग कर सकते हैं।

📊 उदाहरण से समझें

राहुल और मानवी मुंबई में किराए के मकान में रहते हैं और ₹60,000 प्रति माह किराया चुकाते हैं। अगर वे पुरानी कर व्यवस्था चुनते हैं तो वे HRA के माध्यम से कर बचत कर सकते हैं।

💡 सही कर व्यवस्था कैसे चुनें?

  • अगर सालाना आय ₹12.75 लाख से कम है, तो नई कर व्यवस्था बेहतर विकल्प हो सकती है।
  • अगर सालाना आय ₹15 लाख से अधिक है और HRA क्लेम कर सकते हैं, तो पुरानी कर व्यवस्था से ज्यादा लाभ मिल सकता है।
  • पति-पत्नी में से कोई एक पुरानी कर व्यवस्था में HRA का दावा कर सकता है जिससे कर बचत होगी।

⚖ पुरानी बनाम नई कर व्यवस्था

आय पुरानी कर व्यवस्था नई कर व्यवस्था
₹12 लाख ₹97,500 कर करमुक्त
₹18 लाख ₹6.41 लाख कर ₹4.75 लाख कर

📌 किसे पुरानी कर व्यवस्था चुननी चाहिए?

अगर कोई व्यक्ति एचआरए, PPF, NPS, हेल्थ इंश्योरेंस जैसी कटौतियों का लाभ ले रहा है, तो पुरानी कर व्यवस्था उसके लिए अधिक फायदेमंद हो सकती है।

🔄 पुरानी कर व्यवस्था कैसे चुनें?

  • अगर पहले नई कर व्यवस्था चुनी है तो आप फॉर्म 10-IE भरकर पुरानी व्यवस्था में वापस आ सकते हैं।
  • व्यापारी या फ्रीलांसर को सिर्फ एक बार बदलाव का मौका मिलता है।

💰 सही रणनीति अपनाएं

अगर आप विवाहित हैं और दोनों ही कमाते हैं, तो यह बेहतर होगा कि पति-पत्नी में से कोई एक ही पुरानी कर व्यवस्था चुने और HRA का दावा करे। इससे कर बचत अधिक हो सकती है।

📢 निष्कर्ष

अगर आपकी आय ₹12 लाख से कम है तो नई कर व्यवस्था लाभदायक होगी। लेकिन अगर आपकी आय अधिक है और HRA जैसी छूट मिल रही है, तो पुरानी कर व्यवस्था अधिक लाभदायक हो सकती है। सही कर योजना बनाकर आप अधिक कर बचत कर सकते हैं! 💡

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