मार्च-मई 2025: वैश्विक तापमान में वृद्धि की संभावना 🌍🔥
आने वाले मार्च से मई 2025 के दौरान वैश्विक तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना है। अरब प्रायद्वीप, उत्तर-पूर्वी एशिया, पश्चिमी तटीय भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया में अधिक गर्मी दर्ज की जा सकती है।
🌡️ बढ़ते तापमान के संभावित प्रभाव
विश्व मौसम संगठन (WMO) के अनुसार, इस दौरान सूखा, लू और भारी बारिश जैसी घटनाएं बढ़ सकती हैं, जिससे बाढ़, बीमारियां और कीटों के हमले बढ़ सकते हैं। यह फसलों की पैदावार और गुणवत्ता पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
🌊 समुद्री सतह का तापमान और अल नीनो प्रभाव
पिछले तीन महीनों (नवंबर 2024 – जनवरी 2025) के मौसम के आंकड़ों के अनुसार, अधिकांश महासागरों में समुद्री सतह का तापमान सामान्य से अधिक था। हालांकि, मार्च-मई 2025 के दौरान प्रशांत महासागर के कुछ हिस्सों में स्थितियां सामान्य रहने की उम्मीद है, जिससे अल नीनो या ला नीना प्रभाव प्रमुख रूप से सक्रिय नहीं रहेगा।
🌍 किन क्षेत्रों में रहेगा सबसे अधिक प्रभाव?
- 🌍 अफ्रीका के बड़े हिस्से, मेडागास्कर और ज्यादातर एशियाई क्षेत्र
- 🌎 दक्षिण अमेरिका और कैरिबियन
- 🌏 मध्य अमेरिका और उत्तरी अमेरिका का दक्षिणी भाग
- 🔥 विशेष रूप से अरब प्रायद्वीप, उत्तर-पूर्वी एशिया, पश्चिमी तटीय भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया
🔥 हिंद महासागर और मौसम पर असर
रिपोर्ट के मुताबिक, हिंद महासागर भी सामान्य से अधिक ठंडा रहा और हिंद महासागर द्विध्रुव विसंगति (IOD) औसत से नीचे थी। इसका प्रभाव भारत, अफ्रीका, दक्षिण-पूर्व एशिया और ऑस्ट्रेलिया के कुछ हिस्सों में अधिक गर्मी के रूप में दिख सकता है।
☔ दक्षिण-पूर्व एशिया में अधिक वर्षा की संभावना
मार्च-मई 2025 के दौरान दक्षिण-पूर्व एशिया, दक्षिणी अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में सामान्य से अधिक बारिश हो सकती है। वहीं, मध्य और दक्षिणी उत्तरी अमेरिका, खासकर दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र में कम वर्षा की संभावना है।
🔍 निष्कर्ष
आगामी मार्च से मई 2025 के दौरान वैश्विक तापमान में वृद्धि होगी, जिससे विभिन्न क्षेत्रों में मौसमी असमानता देखने को मिलेगी। कृषि, स्वास्थ्य और पर्यावरण पर प्रभाव पड़ सकता है, इसलिए सतर्कता आवश्यक है।