दूरस्थ शिक्षा: 9वीं से 12वीं तक की पढ़ाई अब होगी आसान
दूरस्थ शिक्षा से कर सकेंगे 9वीं से 12वीं तक की पढ़ाई
राज्य मुक्त विद्यालय परिषद की होगी स्थापना
उत्तर प्रदेश सरकार राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) की तर्ज पर राज्य मुक्त विद्यालय परिषद की स्थापना करने जा रही है। इस परिषद के माध्यम से छात्र कक्षा 9वीं से 12वीं तक की पढ़ाई दूरस्थ शिक्षा से कर सकेंगे। साथ ही परिषद इन छात्रों की परीक्षा भी आयोजित करेगा।
इस योजना के लिए प्रदेश सरकार ने 4.40 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया है।
मुक्त विद्यालय से पढ़ाई क्यों जरूरी?
हाईस्कूल के बाद कई युवा इंजीनियरिंग, मेडिकल व अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में जुट जाते हैं, जिससे वे नियमित पढ़ाई नहीं कर पाते। इसके अलावा, कई अन्य कारणों से भी छात्र औपचारिक शिक्षा से वंचित रह जाते हैं। ऐसे में मुक्त विद्यालय उनके लिए एक बेहतर विकल्प है।
वर्तमान में प्रयागराज में पत्राचार शिक्षण संस्थान से इंटर (11वीं व 12वीं) की पढ़ाई की सुविधा उपलब्ध है, लेकिन अब राज्य मुक्त विद्यालय परिषद इसका विस्तार करेगी।
राज्य मुक्त विद्यालय परिषद की विशेषताएं
- राज्य मुक्त विद्यालय परिषद की स्थापना से छात्रों को औपचारिक शिक्षा से वंचित होने पर भी पढ़ाई का मौका मिलेगा।
- छात्रों के लिए विशेष पाठ्य सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी।
- परिषद परीक्षा का आयोजन भी स्वयं करेगी, जिससे छात्रों को अधिक सुविधाएं मिलेंगी।
- फिलहाल पत्राचार शिक्षण संस्थान के माध्यम से इंटर की पढ़ाई हो रही है, लेकिन नई परिषद इसे और सुलभ बनाएगी।
आगे की योजना
माध्यमिक शिक्षा विभाग के अपर शिक्षा निदेशक (राजकीय) अजय कुमार द्विवेदी ने बताया कि परिषद का संचालन प्रयागराज से किया जाएगा और भविष्य में इसे स्वायत्तशासी भी बनाया जा सकता है।
इस योजना के तहत छात्रों का पंजीकरण, शिक्षण सामग्री वितरण और परीक्षा आयोजित करने का कार्य परिषद द्वारा किया जाएगा।
निष्कर्ष
उत्तर प्रदेश में राज्य मुक्त विद्यालय परिषद की स्थापना से हजारों छात्रों को शिक्षा का दूसरा अवसर मिलेगा। जो छात्र किसी भी कारणवश अपनी पढ़ाई जारी नहीं रख सके, वे अब दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी कर सकेंगे।
यह पहल प्रदेश में शिक्षा के विस्तार और युवाओं के भविष्य को संवारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।